Monday, June 22, 2009

रात अँधेरी दूर सवेरा ..फ़िल्म : आह

रात अँधेरी दूर सवेरा
बरबाद है दिल मेरा ओ
रात अँधेरी ...

आना भी चाहें आ ना सके हम
कोई नहीं आसरा
खोयी है मंज़िल रस्ता है मुश्किल
चाँद भी आज छुपा, ओ
रात अँधेरी ...

आह भी रोये राह भी रोये
सूझे न बाट कोई
थोड़ी उमर है सूना सफ़र है
मेरा न साथ कोई, ओ
रात अँधेरी ...

गीत गाता चल ओ साथी ...फ़िल्म: गीत गाता चल ..

गीत गाता चल ओ साथी गुनगुनाता चल
ओ बन्धू रे... हंसते हंसाते बीते हर घड़ी हर पल
गीत गाता चल ...

खुला खुला गगन ये हरी भरी धरती
जितना भी देखूँ तबियत नहीं भरती
सुन्दर से सुन्दर हर इक रचना
फूल कहे काँटोँ से भी सीखो हँसना
ओ राही सीखो हँसना, ओ राही रे
कुम्हला न जाए कहीं मन तेरा कोमल, गीत गाता ...

चाँदी सा चमकता ये नदिया का पानी रे
पानी की हर इक बूंद देती ज़िन्दगानी
अम्बर से बरसे ज़मीन पे गीरे
नीर के बिना हो भैया काम ना चले
ओ भैया काम ना चले, ओ मेघा रे
जल जो न होता तो ये जग जाता जल, गीत गाता ...

कहाँ से तू आया और कहाँ तुझे जाना है
खुश है वही जो इस बात से बेगाना है
चल चल चलती हवाएं करें शोर
उड़ते पखेरू खींचे मनवा की डोर
ओ खींचे मनवा की डोर, ओ पंछी रे
पंछियों के पंख लेके हो जा तू ओझल, गीत गाता ...

छोटी सी ये जिंदगानी रे ...फ़िल्म : आह

छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी

शाम हुई ये देश बीराना
तुझ को अपने बलम घर जाना, सजन घर जाना
राह में मूरख मत लुट जाना, मत लुट जाना
छोटी सी ये ...

बाबुल का घर छूटा जाये
अखियन घोर अँधेरा छाये, जी दिल घबराये
आँख से टपके दिल का खज़ाना
छोटी सी ये ...