Monday, June 22, 2009

छोटी सी ये जिंदगानी रे ...फ़िल्म : आह

छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी

शाम हुई ये देश बीराना
तुझ को अपने बलम घर जाना, सजन घर जाना
राह में मूरख मत लुट जाना, मत लुट जाना
छोटी सी ये ...

बाबुल का घर छूटा जाये
अखियन घोर अँधेरा छाये, जी दिल घबराये
आँख से टपके दिल का खज़ाना
छोटी सी ये ...

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