रात अँधेरी दूर सवेरा
बरबाद है दिल मेरा ओ
रात अँधेरी ...
आना भी चाहें आ ना सके हम
कोई नहीं आसरा
खोयी है मंज़िल रस्ता है मुश्किल
चाँद भी आज छुपा, ओ
रात अँधेरी ...
आह भी रोये राह भी रोये
सूझे न बाट कोई
थोड़ी उमर है सूना सफ़र है
मेरा न साथ कोई, ओ
रात अँधेरी ...
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