आ जा ओ जान-ए-जाँ मेरे मेहरबाँ
आ जा ओ जान-ए-जाँ
नैना का कजरा बुलाए
दिल का ये अचरा बुलाए
बाँहों का गजरा बुलाए
आ जा ओ जान-ए-जाँ ...
जब से गया तू घर से
मेरी मुहब्बत तरसे
पलकों से सावन ( बरसे ) -२
( चंदा ) -३ चन्दा न गुज़रे इधर से
हर साँस दिल को दुखाए
ज़ख़्मों ने आँसू बहाए
आ जा ओ जान-ए-जाँ ...
घुँघरू में नग़्मा तुम्हारा
आँखों में जलवा तुम्हारा
फूलों में मुखड़ा ( तुम्हारा ) -२
( तारों में ) -३ हँसना तुम्हारा
मेरी नज़र ललचाए
होंठों से निकले हाय
आ जा ओ जान-ए-जाँ ...
काली काली रतियाँ
याद सताए
सुध बिसराई मेरी
दूँ मैं दुहाई तेरी
हाए मोरे बालमा
काली काली रतियाँ
याद सताए
रतियाँ सुहानी भूले
बतियाँ पुरानी भूले
दे के निशानी भूले
प्रीत कहानी भूले
मनवा में चैन नाहीं
कटती ये रैन नाहीं
सुध बिसराई मेरी
दूं में दुहाई तेरी
हाए मोरे बालमा
काली काली रतियाँ
याद सताए
चुप कैसे छोड़ गए
मनवा को टोड़ गए
इतना बता दो सैयां
काहे मुख मोड़ गए
अखियों से दूर पिया
हुआ मजबूर जिया
सुध बिसराई मेरी
दूं में दुहाई तेरी
हाए मोरे बालमा
काली काली रतियाँ
याद सताए
छू लेने दो नाज़ुक होठों को
कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये
क़ुदरत ने जो हमको बख़्शा है
वो सबसे हंसीं ईनाम हैं ये
शरमा के न यूँ ही खो देना
रंगीन जवानी की घड़ियाँ
बेताब धड़कते सीनों का
अरमान भरा पैगाम है ये, छू ...
अच्छों को बुरा साबित करना
दुनिया की पुरानी आदत है
इस मै को मुबारक चीज़ समझ
माना की बहुत बदनाम है ये, छू ...
प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधी पाऊँ तोहे
प्रभु कहे तु मन को पा ले, पा जयेगा मोहे
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हज़ार
जग से चाहे भाग लो कोई, मन से भाग न पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
तन की दौलत ढलती छाया मन का धन अनमोल
तन के कारण मन के धन को मत माटि मेइन रौंद
मन की क़दर भुलानेवाला वीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये - २