Wednesday, February 25, 2009

झुमका गिरा रे .....फ़िल्म : मेरासाया

झुमका गिरा रे
हाय
झुमका गिरा रे बरेली के बज़ार में
झुमका गिरा झुमका गिरा झुमका गिरा
हाय हाय हाय झुमका गिरा रे ...

सैंयाँ आये नैन झुकाये घर में चोरी चोरी -२
बोले झुमका मैं पहना दूँ, आजा बाँकी छोरी
मैं बोली ना ना ना बाबा, ना कर जोरा-जोरी
लाख मनाया, सैंयाँ ने कलैया नाहीं छोड़ी
हाय कलैया नाहीं छोड़ी
Male voice:फिर क्या हुआ?
फिर? फिर झुमका गिरा रे हम दोनों की तकरार में
झुमका गिरा रे ...

घर की छत पे मैं खड़ी, गली में दिलबर जानी -२
हँसके बोले नीचे आ, अब नीचे आ दीवानी
या अँगूठी दे अपनी या छल्ला दे निशानी
घर की छत पे खड़ी-खड़ी मैं हुई शरम से पानी
हाय हुई शरम से पानी
Male voice:फिर क्या हुआ?
दैया! फिर झुमका गिरा रे हम दोनों के इस प्यार में
झुमका गिरा रे ...

बगिया में बलमा ने मेरी लट उलझी सुलझाई -२
थामके आँचल बोले, गोरी तू मेरे मन भाई
आँख झुकाके कुछ ना बोली
कुछ ना बोली हाय, हाय, हाय
आँख झुकाके कुछ ना बोली, धीरे से मुसकाई
सैंयाँ ने जब छेड़ा मुझको, हो गई हाथापायी
हाय हो गई हाथापायी
Male voice:अरे, फिर क्या हुआ?
फिर झुमका गिरा रे, मैं क्या बोलूँ बेकार में
झुमका गिरा रे ...

तू जहाँ जहाँ चलेगा .....फ़िल्म : मेरा साया

तू जहाँ जहाँ चलेगा, मेरा साया, साथ होगा
मेरा साया, मेरा साया

कभी मुझको याद करके, जो बहेंगे तेरे आँसू
तो वहीं पे रोक लेंगे, उन्हें आके मेरे आँसू
तू जिधर का रुख करेगा, मेरा साया, साथ होगा ...

तू अगर उदास होगा, तो उदास हूँगी मैं भी
नज़र आऊँ या ना आऊँ, तेरे पास हूँगी मैं भी
तू कहीं भी जा रहेगा, मेरा साया, साथ होगा ...

मैं अगर बिछड़ भी जाऊँ, कभी मेरा ग़म न करना
मेरा प्यार याद करके, कभी आँख नम न करना

तू जो मुड़के देख लेगा, मेरा साया, साथ होगा ...

मेरा ग़म रहा है शामिल, तेरे दुख में, तेरे ग़म में
मेरे प्यार ने दिया है, तेरा साथ हर जनम में
तू कोई जनम भी लेगा, मेरा साया साथ होगा ...

Monday, February 23, 2009

जय हो ..జయ హో ... ஜெய ஹோ .. ಜಯ ಹೋ .ജയ ഹൊ ...


81 st oscar awards...... our men did it....
as per the expectations .... he has done it .. Congatulations..



माँ

वंदे मातरम

यहाँ-वहाँ सारा जहाँ देख लिया है

कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है

अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा हूँ

नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं है

मैं गया जहाँ भी बस तेरी याद थी

जो मेरे साथ थी मुझ को तड़पाती-रुलाती

सब से प्यारी तेरी सूरत प्यार है बस तेरा प्यार ही

माँ तुझे सलाम

अम्मा तुझे सलाम

जहाँ तू है वहाँ मैं तेरा हूँ दिवाना मैं

झूमूँ नाचुं गाऊँ तेरे प्यार का तराना मैं

चंदा नहीं सूरज नहीं दुइया की दौलत नहीं

बस लूटूँगा तेरे प्यार का खज़ाना

एक नज़र जब तेरी

होती है प्यार की

दुनिया तब तो मेरी चमके दमके महके रे

तेरा चेहरा सूरज जैसा चाँद सी ठण्ड है प्यार में

तेरे पास ही मैं आ रहा हूँ अपनी बाँहें खोल दे

जोर से मुझको गले लगा ले मुझको फिर वो प्यार दे

माँ माँ माँ

तू ही ज़िंदगी है तू ही मेरी मोहब्बत है

तेरे ही पैरों में जन्नत है तू ही दिल तू जाँ माँ

Friday, February 20, 2009

अपनी तो हर आह एक तूफ़ान है ....: फ़िल्म: काला बाजार

अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
क्या करे वो जान कर अंजान है -
ऊपर वाल जान कर अंजान है

अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
ऊपर वाल जानकर अंजान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

अब तो हँसके अपनी भी क़िस्मत को चमका दे
कानों में कुछ कह दे जो इस दिल को बहला दे
ये भी मुशकिल है तो क्या आसान है
ऊपर वाल जान कर अन्जान है ...

सर पे मेरे तू जो अपना हाथ ही रख दे
फिर तो भटके राही को मिल जायेंगे रस्ते
दिल की बस्ती बिन तेरे वीरान है
ऊपर वाल जानकर अन्जान है ...

दिल ही तो है इस ने शायद भूल भी की है
ज़िंदगी है भूल कर ही राह मिलती है
माफ़ कर बन्दा भी इक इन्सान है
ऊपर वाल जान कर अंजान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

नजर लागे राजा तेरे बंगले पर ....;फ़िल्म : कालापानी

नज़र लागे राजा तोरे बंगले पर

जो मैं होती राजा बन की कोयलिया
कुहुकु रहती राजा तोरे बंगले पर

जो मैं होती राजा कारी बदरिया
बरस रहती राजा तोरे बंगले पर

जो मैं होती राजा बेला चमेलिआ
लिपट रहती राजा तोरे बंगले पर

जो मैं होती राजा तेरी दुल्हनिया
मटक रहती राजा तोरे बंगले पर

Thursday, February 19, 2009

తెలుగు బామ్మ నిర్మలమ్మ ఇక లేరు ..19/02/09



తెలుగింటి బామ్మ .....నిర్మలమ్మ

బామ్మ అంటే నిర్మలమ్మే అని సాటి చెప్పిన మేటి నటి ఇక లేరు.. అత్త అంటే సూర్యకాంతం ..అమ్మ అంటే కన్నాంబ ....బామ్మ అంటే నిర్మలమ్మ తెలుగు సినీ రంగంలో చెరపలేని ముద్రలు వేసారు ...ఒకటా .. రెండా.. వేయి చిత్రాలకు పైగా ఒకే పాత్రని పోషించటం ..కన్నీళ్ళు తెప్పించటం ...మరొకరి వల్ల సాధ్యపడదని నా నమ్మకం ...ఆమె ఆత్మకు శాంతి కలగాలని ప్రార్థిస్తూ ...

Wednesday, February 18, 2009

न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ ...फ़िल्म : मदर इम्डिया

न मैं भगवान हूँ न मैं शैतान हूँ
दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

मुझ में भलाई भी मुझ में बुराई भी
लाखों हैं मैल दिल में थोड़ी सफ़ाई भी
थोड़ा सा नेक हूँ थोड़ा बेईमान हूँ
दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

न कोई राज है न सर पर ताज है
फिर भी हमारे दम से धरती की लाज है
तन का ग़रीब हूँ मन का धनवान हूँ
दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

जीवन का गीत है सुर में न ताल में
उलझी है सारी दुनिया रोटी के जाल में
कैसा अँधेर है मैं भी हैरान हूँ
दुनिया जो चाहे समझे मैं तो इनसान हूँ

Tuesday, February 17, 2009

अजहूँ ना आए बालमा सावन बिता जाए ..फ़िल्म : सांझ और सवेरा

अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए
हाय रे सावन बीता जाए

नींद भी अंखियन द्वार न आए
तोसे मिलन की आस भी जाए
आई बहार खिले फुलवा
मोरे सपने कौन सजाए
आ ... अजहुं ...

चांद को बदरा गरवा लगाए
और भी मोरे मन ललचाए
यार हसीन गले लग जा
मोरी उम्र गुज़रती जाए
आ ... अजहुं ...

Monday, February 16, 2009

కోటలోని మొనగాడా వేటకు వచ్చావా ...ఫిల్మ్ : గోపాలుడు భూపాలుడు

కోటలోని మొనగాడా
వేటకు వచ్చావా
జింకపిల్ల కోసమో ఇంక దేనికోసమో
ఎలాటి పిల్ల అది ఏపాటి అందమది
ఏ వూరు చిన్నది ఏ కోన వున్నది
చారడు కన్నులది చామంతి వన్నెలది
ఏ వూరు ఏమో నా ఎదురుగనే ఉన్నది
కోటలోని
కత్తుల వీరునికి కన్నె వలపెందుకో
జిత్తుల సిపాయికి చెలి వలపెందుకో
కత్తులు ఒకచేత గుత్తులు ఒకచేత
నిలిచే బంటునే నీకు తగిన జంటనే
కోటలోని చినదాన వేటకు వచ్చనే
జింకపిల్ల కన్నులున్న చిన్నదాని కోసమే



నువ్వంటే నాకెందుకో అంత ఇది ..ఫిల్మ్ : అంతస్తులు

నువ్వంటే నాకెందుకో ఇంత ఇది2
ఇంత ఇది3
నువ్వన్నా నాకెందుకో అదే ఇది2

అదే ఇది3

తొలినాడు ఏదోల మొదలైనది ఆ రేయి నిదురంతా కలలయినది2
మరునాడు మనసంత తానయినది ఆ ఇది ఏదో ఇద్దరికి తెలియకున్నది


నువ్వంటేవయసులో పాకానికి వచ్చినది తనువులో అణూణువున పొంగినది 2
నీకిచ్చేవరకు నిలువలేనన్నది ఉరికిఉరికి నీ ఒడిలో ఒదిగినది 2
నువ్వంటే

నిను కలిసిన నిమిషమున ...ఫిల్మ్ : సి.ఐ.డి

నిను కలిసిన నిముషమున నిను తెలిసిన
క్షణమున కనుల పండువాయెనే మనసు నిండిపోయెనే నిను
ఆశాలత మొగ్గలేసి పూలు విరగబూసెనే
ఆశాలత మొగ్గలేసి పూలు విరగబూసెనే
తలపులెల్ల వలపులై పులకరింపజేసెనే
తలపులెల్ల వలపులై పులకరింపజేసెనే
పరవశించి పోతినే నిను
చందమామ నేడేలనే చలినివెన్నేల కాయడే
చందమామ నేడేలనే చలినివెన్నేల కాయడే
గాలికూడా ఎందుకనో నులివెచ్చగా వీచెనే
గాలికూడా ఎందుకనో నులివెచ్చగా వీచెనే
మేను కందిపోయెనే నిను

Sunday, February 15, 2009

ते के मै झूट बोलिया कोई न ....फ़िल्म जागते रहो


This is my 1000th posting ... I take this opportunity to thank all the music lovers... who constantly visiting my blog and expressing their views.... All the songs are from the pictures released before 1980 ... hope you all enjoyed them
wish me all success....
now A special song of 1950s for the occassion
ऐवें दुनिया देवे दुहाई झूठा पांवदी शोर
अपने दिल ते पूछ के देखो कौन नहीं है चोर
ते कि मैं झूठ बोलया कोई न
ते कि मैं कुफ़र तोलिया कोई ना

ते कि मैं ज़हर घोलिया कोई ना भई कोई ना भई कोई ना

हक़ दूजे दा मार-मार के बणदे लोग अमीर
मैं ऐनूं कहेंदा चोरी दुनिया कहंदी तक़दीर
ते कि मैं झूठ बोलया ...

ओ हट के भ्रा जी बच के
वेखे पंडित ज्ञानी ध्यानी दया-धर्म दे बन्दे
राम नाम जपदे खान्दे गौशाला दे चन्दे
ते कि मैं झूठ बोलया ...

सच्चे फाँसी चढ़दे वेखे झूठा मौज उड़ाए
लोकी कैहंदे रब दी माया मैं कहंदा अन्याय
ते कि मैं झूठ बोलया ...

रोकना है मगर रोक लीजे मगर ...फ़िल्म : जाल

रोकना है अगर रोक लीजे मगर
चाँद छुपने से पहले चली जाऊँगी -२
दूर है मेरा घर मुझको दुनिया का डर
चाँद छुपने से ...

चाँद निकला मगर चाँदनी खो गई
हर तरफ़ हुस्न की रोशनी हो गई
आप चाँद हैं अगर चाँद को देख कर
चाँद छुपने से ...

आप शामिल हैं यूँ मेरी आवाज़ में
जैसे नग़में हों दो एक ही साज़ में
मैं ग़ज़ल छेड़ कर इश्क़ के साज़ पर
चाँद छुपने से ...

बहकी-बहकी निगाहें नहीं होश में
प्यार शरमाए आँखों के आग़ोश में
हँस के सीने पे सर रख तो दूँगी मगर
चाँद छुपने से ...

मुझ को अपने गले लगा लो ...फ़िल्म : हमराही

मुझ को अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही
तुझको क्या बतलाऊं मैं
के तुमसे कितना प्यार है

जब तुम मुझसे दूर रहते हो
जिया मेरा घबराता है
नींद आँखों से उड़ जाती है
चाँद अगन बरसाता है
दोनों पहलू जल जाते हैं
आग में आग लगाता है
जैसे तड़पे बिन जल मछली
प्यार मुझे तड़पाता है, प्यार मुझे तड़पाता है
इस उल्झन से मुझ को बचालो, ऐ मेरे हमराही
तुझको क्या बतलाऊं मैं ...

जिन राहों पर हँसके चलो तुम
फूल वहाँ खिल जाते हैं
दम लेने को जहाँ रुको तुम
मधुशाले बन जाते हैं
तुमको छूकर पवन झकोरे
खूशबू लेकर जाते हैं
लेकिन हम तो देखें सूरत
दिल थामे रह जाते हैं, दिल थामे रह जाते हैं
दिल से दिल के तार मिला लो, ऐ मेरे हमराही
तुझको क्या बतलाऊं मैं ...

बोल मेरे तक़दीर में क्या है ..फ़िल्म : हरियाली और रास्ता

ल : बोल मेरी तक़दीर में क्या है मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
मु : कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल तू बतला तुझको है पता
जीवन के दो ...

ल : जहाँ हम आ के पहुँचे हैं वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकिन मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना -२
मु : तेरे लिए हम कुछ भी सहेंगे तेरा दर्द अब दर्द मेरा
जीवन के दो ...
ल : बोल मेरी तक़दीर ...

जहाँ जिस हाल में भी हों रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है नहीं मिलते किनारे ही -२
मु : अपना-अपना है ये मुक़द्दर आज करें हम किससे गिला
जीवन के दो ...
कहाँ है मेरे ...

तेरी याद दिल से भुलाने चला हूँ ....फ़िल्म : हरियाली और रास्ता

तेरी याद दिल से, भुलाने चला हूँ
के खुद अपनी हस्ती, मिटाने चला हूँ - २
तेरी याद ...

घटाओं तुम्हें साथ देना पड़ेगा - २
मैं फिर आज आँसू बहाने चला हूँ
बहाने चला हूँ
तेरी याद ...

कभी इस जगह ख्वाब देखे थे मैने - २
वही ख़ाक अपनी उड़ाने चला हूँ
उड़ाने चला हूँ
तेरी याद ...

Saturday, February 14, 2009

गीत मेरे साज का तेरी ही आवाज हूँ ..फ़िल्म : इन्तेकाम

हो हो
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ -२
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ

आ जा मिल के बाँट लें हो क्या ख़ुशियाँ क्या ग़म
हो आ जा मिल के बाँट लें हो क्या ख़ुशियाँ क्या ग़म
तनहा तनहा तनहाई का ज़हर पियें क्यूँ हम
तू मेरे जीवन का पंची मैं तेरी परवाज़ हूँ

गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ

दो दिन का साथ नहीं हो सारी उमर का है साथ
हो दो दिन का साथ नहीं हो सारी उमर का है साथ
जीते जी ना होंगे जुदा ये आज मिले जो हाथ
तू मेरी साँसों का मालिक मैं तेरी दमसाज़ हूँ

गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ -२

कैसे रहे चुप की मैंने पि ही क्या है : फ़िल्म : इंतकाम

कैसे रहूँ चुप कि मैने पी ही क्या है
होश अभी तक है बाक़ी
और ज़रा सी दे-दे साक़ी और ज़रा सी और
कैसे रहूँ चुप ...

मुद्दतों की प्यास आज एक जाम बन गई
ये ख़ुशी की शाम शाम-ए-इन्तक़ाम बन गई
जो बात हममें तुममें थी वो बात आम बन गई
कैसे रहूँ चुप ...

पता है तुमको राज़ क्या है मेरे इस सुरूर का
के इस सुरूर में ज़रा सा रंग है ग़ुरूर का
जो मैने पी तो क्यों नशा उतर गया हुज़ूर का
कैसे रहूँ चुप ...

कोई सहरी बाबू दिल लहरी ...फ़िल्म: लोफर

कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नचदी फिराँ ) -२

मैं तो चलूँ हौले-हौले
फिर भी मन डोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ

मैं छम-छम नचदी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नचदी फिराँ

( पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शरमाने लगी ) -२
धड़कन से मैं घबराने लगी
दरपन से मैं कतराने लगी
मन खाये हिचकोले
ऐसे जैसे नैया डोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ

मैं छम-छम नचदी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नचदी फिराँ

( सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा ) -२
नैनों की डोली बिठा के मुझे
ले के बहुत दूर जाने लगा
मेरे घुँघटा को खोले
मीठे-मीठे बोल बोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ

मैं छम-छम नचदी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नचदी फिराँ

जाने मेरा दिलकीसे दुंड रहा है : फ़िल्म : लाट साहेब

जाने मेरा दिल किसे ढूँढ रहा है इन हरी-भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा दिल दिल से इन्हीं आबादियों में
जाने मेरा दिल ...

ये किसकी लगन मंज़िल-मंज़िल हर रोज़ मुझे ले जाती है
ये किसकी तमन्ना सीने में जो आस के दीप जलाती है -२
ओ जाने मेरा दिल ...

झरनों में नहाती जलपरियाँ क्यों जाने मुझे ललचाती हैं
जंगल की कँवारी कलियाँ भी हँस-हँस के क़यामत ढाती हैं
ओ जाने मेरा दिल ...

जब देखे बिना मदहोश हूँ मैं देखूँगा उसे तो क्या होगा
क्या नूर भरी सूरत होगी क्या प्यार भरा जलवा होगा -२
ओ जाने मेरा दिल ...

हाय सोनिये हिरिये हिरिये हाय ...फ़िल्म : हिमालय की गोदमे

र : हाय सोनिये हीरिये-हीरिये हाय रे हाय
उ : ओए सोनिया ओए सोनिया होए रांझिया रांझिया रांझिया
को : ओए शाबा ओए शाबा नी कुड़िये पहाड़ दिये
ओए शाबा ओए शाबा वे मुंडिया शहर दिया

र : ओ तू रात खड़ी थी छत पे नी मैं समझा के चाँद निकला
को : होय तू रात खड़ी ...
उ : बुरा हो तेरा तुझे देख के कोठे से मेरा पैर फिसला
को : बुरा हो तेरा ...

र : ( कट जाए ना मेरी ज़िन्दगी ) -२ होए तेरी कल परसों में
को : कट जाए ना ...
उ : ( कल परसों में बात नहीं बनती ) -२ बनती है जा के बरसों में
को : कल परसों में ...

र : ( तेरे पाँव में नहीं घुँघरू ) -२ होती है छम-छम कैसे
को : तेरे पाँव में ...
उ : ( ये तो राज़ की बातें हैं ) -२ बता दें तुझे हम कैसे
को : ये तो राज़ ...

र : ( तेरी ज़ुल्फ़ जो बिखरी तो ) -२ लेके बीन सपेरे आ गए
को : तेरी ज़ुल्फ़ जो ...
उ : ( मेरी ज़ुल्फ़ है नागिन तो ) -२ बुरे दिन बस तेरे आ गए
को : मेरी ज़ुल्फ़ है ...

र : चल चलिए नी मुटियारे बैसाखी वाले मेले में
को : चल चलिए नी ...
उ : ( मेले का तो बहाना है ) -२ तू मुझे छेड़ेगा अकेले में
को : मेले का तो ...

अजनबी तुम जामे पहचाने से लगते हो ..फ़िल्म : हम सब उस्ताद है

अजनबी, तुम जाने पहचाने से लगते हो - २
ये बड़ी अजीब सी बात है, ये नई नई मुलाकात है
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से - २
तुमने कभी वादा किया था किसी साथी से
ना वो प्यार रहा, ना वो बात रही
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

दिल में रहे और हमारा दिल तोड़ दिया - २
साथ चले, मोड़ पे आके हमें छोड़ दिया
तुम हो कहाँ, और हम कहाँ
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

अजनबी, तुम जाने पहचानेसे लगते हो
ये बड़ी अजीब सी बात है
कि नई नई मुलाक़ात है
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

लगता है यूँ ख़्वाब है जैसे कोई देखा हुआ
कहता है दिल आज मिला है कोई खोया हुआ
न ख़याल तुम्हें न ख़याल हमें
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

किस को ख़बर पहले मिले थे हम दोनों कहाँ
कब से मगर ढूँढ रहा था तुम्हें मेरा जहाँ
न तो याद तुम्हें, न तो याद हमें
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

कितने जनम बीत गये हैं तुम्हें पाने में
हमने तुम्हेँ प्यार किया था अनजाने में
न कभी मिले, न क़रीब हुए
फिर भी जाने क्यों, अजनबी ...

Thursday, February 12, 2009

मंगल भवन अमंगल हारी ....फ़िल्म: गीत गाता चल

मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २

हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा

हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी

हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू

हो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसी

रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम

हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय रा

अमन का फरिस्ता कहाँ जा रहा है ...फ़िल्म : अमन

अमन का फ़रिश्ता कहाँ जा रहा है
चमन रो रहा है मची है दुहाई -२

किया काम ऐसा कि हलचल मचा दी
ये दुनिया जहन्नुम थी जन्नत बना दी
खिंची आ रही है सारी ख़ुदाई
चमन रो रहा ...

बहुत देर जागा था सोया हुआ है
अमन के ख़्यालों में खोया हुआ है
ये कैसी मुहब्बत ये कैसी जुदाई
चमन रो रहा ...

ये जीवन की मंज़िल पे छुटा है हमसे
कोईइ तो मनाओ ये रूठा है हमसे
नज़र मेरे बाबू को किसने लगाई
चमन रो रहा ...

दय्यारे दय्या यसोदा मैया ...फ़िल्म: आसरा

दईया रे दईया जशोदा मईया इसको स.म्भाल
बड़ा नटखट है तेरो नन्दलाल

पनिया भरन को जाने ना दे
जाऊँ तो वापस आने ना दे
राह ना छोड़े मटकी फोड़े माखन ले निकाल
बड़ा नटखट है ...

जमुना पे ऐसी बंसी बजाई
तन में मन में आग लगाई
नींद चुराई राम दुहाई किया बुरा हाल
बड़ा नटखट है ...

प्रीत बिना कोई गीत ना जाने
प्रीत की लेकिन रीत ना जाने
बिरहा की मारी राधा बिचारी तड़पे कितने साल
बड़ा नटखट है ...

नील गगन की छाव में दिन रैन गले से मिलते है ..फ़िल्म : आम्रपाली

नील गगन की चाँव में दिन रैन गले से मिलते हैं
मन पंछी बन उड़ जाता है हम खोये-खोये रहते हैं
आऽ

जब फूल कोई मुस्काता है ... आ जाती है

नस-नस में भँवर सा उठता है

कहता है समय का उजियारा इक चन्द्र भी आने वाला है

इन जोत की प्यासी अंखियों को आँखों से पिलाने वाला है
जब पात हवा में झरते हैं हम चौँक के राहें तकते हैं
मन पंछी बन उड़ जाता है हम खोये-खोये रहते हैं
आऽ

Wednesday, February 11, 2009

छोड़ दो आँचल ज़माना क्या कहेगा ...फ़िल्म : पेईंग गेस्ट

आ: छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा
छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा
क: (इन अदाओं का ज़माना भी हैं दीवाना
दीवाना क्या कहेगा ) - (२)
आ: छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा

आ: मैं चली
मैं चली अब खूब छेड़ो प्यार के अफ़साने
कुछ मौसम हैं दीवाना कुछ तुम भी हो दीवाने (२)
क: ज़रा सुनना जान-ए-तमन्ना (२)
इतना तो सोचिये मौसम सुहाना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...

आ: यूँ न देखो जाग जाए प्यार की अंगड़ाई
ये रस्ता ये तनहाई लो दिल ने ठोकर खाई
क: यही दिन हैं मस्ती के सिन हैं (२)
किसको ये होश है अपना बेगाना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...

आ: ये बहारें ये फुवारें ये बरसता सावन
थर थर काँपे हैं तन मन मेरी बय्याँ धर लो साजन
क: अजी आना दिल में समाना (२)
एक दिल एक जान हैं हम तुम ज़माना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...

जाने वाले तेरा खुदा हाफिज ....फ़िल्म : पालकी

जाने वाले तेरा ख़ुदा हाफ़िज़
आज मेरा सलाम लेता जा
मेरे दिल का पयाम लेता जा
जाने वाले तेरा ख़ुदा हाफ़िज़ ...

मैं तेरी ख़ाक हूँ मेरे राही
मुझको भी साथ साथ आने दे
इल्तजा है कि राह में अपनी
आज पलकें बिछाने दे
मुझसे उतना तो काम लेता जा
जाने वाले तेरा ख़ुदा हाफ़िज़ ...

अल्विदा जान-ए-आरज़ू तुझको
ग़म के मारे सलाम कहते हैं
ये लुटे घर, ये प्यार की गलियाँ
ये नज़ारे सलाम कहते हैं
याद्ग़ारें तमाम लेता जा
जाने वाले तेरा ख़ुदा हाफ़िज़ ...

साँस जब तक है मेरे सीने में
मैं तेरा इंतज़ार कर लूँगी
खुश रहे तू ये है दुआ मेरी
मैं तो ग़म से भी प्यार कर लूँगी
प्यार का तू भी नाम लेता जा
जाने वाले तेरा ख़ुदा हाफ़िज़ ...

कल रात जिंदगी से मुलाक़ात हो गई ..फ़िल्म : पालकी

कल रात जिंदगी से मुलाक़ात हो गई
लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई
कल रात ज़िन्दगी ...

एक हुस्न सामने था क़यामत के रूप में
एक ख़्वाब जल्वागर था हक़ीक़त के रूप में
चेहरा वही गुलाब की रंगत लिए हुए
नज़रें वही पयाम-ए-मुहब्बत लिए हुए
ज़ुल्फ़ें वही कि जैसे धुँधलका हो शाम का
आँखें वही जिन आँखों पे धोखा हो जाम का
कुछ देर को तसल्ली-ए-जज़्बात हो गई
लब थरथरा रहे ...

देखा उसे तो दामन-ए-रुख़्सार नम भी था
वल्लाह उसके दिल को कुछ एहसास-ए-ग़म भी था
थे उसकी हसरतों के ख़ज़ाने लुटे हुए
लब पर तड़प रहे थे फ़साने घुटे हुए
काँटे चुभे हुए थे सिसकती उमंग में
डूबी हुई थी फिर भी वो वफ़ाओ के रंग में
दम भर को ख़त्म गर्दिश-ए-हालात हो गई
लब थरथरा रहे ...

ए मेरी रूह-ए-इश्क़ मेरी जान-ए-शायरी
दिल मानता नहीं कि तू मुझसे बिछड़ गई
मायूसियाँ हैं फिर भी मेरे दिल को आस है
महसूस हो रहा है के तू मेरे पास है
समझाऊँ किस तरह से दिल-ए-बेक़रार को
वापस कहाँ से लाऊँ मैं गुज़री बहार को
मजबूर दिल के साथ बड़ी घात हो गई
लब थरथरा रहे ...

पीया पीया न लागे मोरा जिया .....फ़िल्म : फागुन

पिया पिया न लागे मोरा जिया
आजा चोरी चोरी ये बैंयां गोरी गोरी
तड़प उठी रे तेरे प्यार को
पिया पिया ...

एक बन की कली मतवाली नगरी में आई खिलने
जंगल की मोरनी आई बागों के मोर से मिलने
मिलने हो मिलने, मोर से मिलने
हाय ... अपना बना ले सैंया हो
पिया पिया ...

ओ बाँके नैना वाले ओ परदेसी मतवाले
तू मुरली मुझे बना ले होंठों से हाय लगा ले
मुरली बना ले होंठों से लगा ले
हाय ... अपना बना ले सैंया हो
पिया पिया ...

Monday, February 9, 2009

चल मेरे दिल लहरा के चल ...फ़िल्म: इशारा

चल मेरे दिल लहरा के चल मौसम भी है वादा भी है
उनकी गली का फ़ासला थोड़ा भी है ज़्यादा भी है
चल मेरे दिल ...

मैं हूँ राही प्यार का राही मेरी मंज़िल प्यार की गलियाँ
दिल में बसी है हुस्न की सूरत आँखों में दिलदार की गलियाँ
चल मेरे दिल ...

उसकी चाहत उसकी तमन्ना हो तो हो बेकार का सपना -२
घर से निकलना यार से मिलना ये तो कार-ओ-बार है अपना -२
चल मेरे दिल ...

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा ..फ़िल्म: ममता

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दिये की

तुम अपने चरणों में रख लो मुझको
तुम्हारे चरणों का फूल हूँ मैं
मैं सर झुकाए खड़ी हूँ प्रियतम - २
के जैसे मंदिर में लौ दिये की

ये सच है जीना था पाप तुम बिन
ये पाप मैने किया है अब तक
मगर है मन में छवि तुम्हारी - २
के जैसे मंदिर में लौ दिये की

फिर आग बिरहा की मत लगाना
के जलके मैं राख हो चुकी हूँ
ये राख माथे पे मैने रख ली - २
के जैसे मंदिर में लौ दिये की

हमने देखि है उन आंखों की महकती खुशबु ..फ़िल्म: खामोशी

हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
हमने देखी है

प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
एक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है
न ये बुझती है न रुकती है न ठहरी है कहीं
नूर की बूँद है सदियों से बहा करती है

सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
हमने देखी है

मुस्कुराहट सी खिली रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं, काँपते होंठों पे मगर
कितने ख़ामोश से अफ़साने रुके रहते हैं

सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
हमने देखी है

आप से मैंने मेरी जान मुहब्बत की है ...फ़िल्म : ऐ रात फिर न आएगी

रफ़ी: आप से मैंने मेरी जान मुहब्बत की है
आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकती है
आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है
जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है
आप से मैंने ...

रफ़ी: आप को मैंने मुहब्बत का ख़ुदा समझा है
आप कहिये के मुझे आपने क्या समझा है
ज़िंदगी क्या है मुहब्बत की महेरबानी है
दर्द को मैंने हक़ीक़त में दवा समझा है
आप से मैंने ...

आशा: दिल वो ही है जो सदा गीत वफ़ा के गायें
प्यार करता हो जिसे प्यार ही करता जाये
सैंकड़ों साल के जीने से हैं बहेतर वो घड़ी
हाथ में हाथ हो जब यार का, मौत आ जाये
आप से मैंने मेरी जान मुहब्बत की है
आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकतें हैं

आशा: आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है
जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है
आप से मैंने ...

रफ़ी: आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है
जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है
आप से मैंने ...

Friday, February 6, 2009

दुनिया हसे हंसती रहे मै हूँ गवार ...फ़िल्म : गवार

दुनिया हँसे हँसती रहे -२
मैं हूँ गँआर मुझे सबसे है प्यार

नगरी-नगरी गाता चल प्यार का राग सुनाता चल
प्यार सनम है प्यार ख़ुदा दुनिया को समझाता चल
सुने ना सुने कोई तेरी पुकार
दुनिया हँसे ...

तुझसे भी प्यार मुझे इनसे भी प्यार
राम से भी प्यार है रहीम से भी प्यार
दुनिया हँसे ...

ना मैं साधू-सन्यासी ना मैं जोगी-वनवासी
घूम के आया गंगा-जमना लेकिन अब तक है प्यासी
तन की ढोलक मन का सितार
दुनिया हँसे ...

कितने ही धनवान मिले धरती के भगवान मिले
एक तमन्ना बाक़ी है इनमें कोई इनसान मिले
जिसको सलाम करूँ सौ-सौ बार

हम से तो अच्छी तेरी पायल गोरी ...फ़िल्म : गवार

र : हमसे तो अच्छी तेरी पायल गोरी
कि बार-बार तेरा बदन चूमे -२
आ : खोटा है मन तेरा पापी सजन
नजरिया से मोरा बदन चूमे
र : हमसे तो अच्छी ...

आ : सोच के मुझको हाथ लगाना -२
शोला हूँ मैं जल नहीं जाना
र : कैसे कहूँ जबसे हुआ तेरा-मेरा सामना
दिल ने कहा बिना पिए मैं तो गिरा थामना
आ : मैं वो कुँवारी कली हूँ बलम
कि डर-डर के जिसको पवन चूमे -२
र : हमसे तो अच्छी ...

र : नाच री इतना थक जाए पायल -२
हमरा करेजवा हो जाए घायल
आ : मेरी डगर रखियो छैला कदम देख-भाल के
ले न जाए मेरी नजर दिल तेरा निकाल के
र : हाय गालों की लाली खिल-खिल उठे
जो एक बार मुखड़ा सजन चूमे -२
आ : खोटा है मन ...

दूरियाँ नाज्दिखियाँ बन गई अजब इत्तेफाक है ..फ़िल्म : दुनिया

कि : दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं अजब इत्तिफ़ाक़ है -२
आ : कह डालीं कितनी बातें अनकही अजब इत्तिफ़ाक़ है -२
कि : दूरियाँ नज़दीकियाँ ...

( ऐसी मिलीं दो निगाहें मिलती हैं जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
आह आह ) -२
प्यार की शहनाइयाँ बज गईं अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ ...

आ : ( एक डगर पे मिले हैं हम-तुम तुम-हम दो साए
ऐसा लगा तुमसे मिलकर दिन बचपन के आए
आह आह ) -२
वादियाँ उम्मीद की सज गईं अजब इत्तिफ़ाक़ है
कि : दूरियाँ नज़दीकियाँ ...

( पहले कभी अजनबी थे अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको साथी पुराने तुम ही हो
हो हो हो ) -२
बस्तियाँ अरमान की बस गईं अजब इत्तिफ़ाक़ है
कि : दूरियाँ नज़दीकियाँ ...
दो : दूरियाँ नज़दीकियाँ ...

फलसफा प्यार का तुम क्या जानो ....फ़िल्म : दुनिया

फ़लसफ़ा प्यार का -२
तुम क्या जानो -२
तुमने कभी प्यार न किया
तुमने इन्तज़ार न किया

ख़ूबसूरत हो मगर प्यार के अंदाज़ नहीं
ये कमी है के तुम्हारा कोई हमराज़ नहीं
दिल में जब दर्द नहीं बात बनेगी कैसे
साज़ छेड़ा भी मगर प्यार की आवाज़ नहीं -२
फ़लसफ़ा प्यार का ...

कैसे समझाऊँ ये नाज़ुक सा फ़साना तुमको
ये वो मंज़र है जो महसूस हुआ करता है
रहती दुनिया में वही रहता है मरकर ज़िन्दा
प्यार के नाम पे जो जान दिया करता है -२
फ़लसफ़ा प्यार का ...

प्यार शीरीं ने किया प्यार ही लैला ने किया
प्यार मीरा ने किया प्यार ही राधा ने किया
प्यार हर रंग में लोगों को सदा देता है
प्यार के पर्दे में हम सबका ख़ुदा रहता है -२
फ़लसफ़ा प्यार का ...

Thursday, February 5, 2009

रूप तेरा ऐसा दर्पण में न सामाय ...फ़िल्म : एक बार मुस्कुरादों

हारेगा जब कोई बाज़ी ... तभी तो होगी किसी की जीत
दोस्त यही दुनिया कि रीत ... तुम्हें मुबारक मन का मीत

रूप तेरा ऐसा दर्पण में ना समाय - २
खुशबू तेरे तन कि मधुबन में ना समाय
ओ मुझे खुशी मिली इतनी
ओ मुझे खुशी मिली इतनी, के मन में ना समाय
पलक बंद करलूँ कहीं झलक ही ना जाय

रूप तेरा ...

मुझे ना मिली जो वो खुशी तूने पाई
ऐ दोस्त मुबारक हो तुझे प्यार की शहनाई
दुआ मेरे दिल की
दुआ मेरे दिल की, दामन में ना समाय
तुझे प्यार मिले इतना जीवन में ना समाय
मुझे खुशी मिली इतनी ...

मीत मेरा छीन लिया तूने छब दिखाके
सदा उसे रखना पलकों पे तू बिठाके
इतना सुख देना जीवन में ना समाय
यूँ रस बरसाना आंगन में न समाय
मुझे खुशी मिली इतनी ...

Wednesday, February 4, 2009

किस लिए मैंने प्यार किया ..फ़िल्म : the train

किस लिये मैं ने प्यार किया
दिल को यूँही बेक़रार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी
रात दिन इंतज़ार किया) -२

आँखों में मैं ने काजल डाला
माथे पे बिंदिया लगाई
ऐसे में तू आ जाए तो
क्या हो, राम दुहाई
छुप के मुंह में अर्मानों ने
ली कैसी अंगड़ाई
कोई देखे तो क्या समझे
हो जाए रुस्वाई
मैं ने क्यों सिंग़ार किया
दिल को यूँ बेक़रार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी
रात दिन इंतज़ार किया, हो...
किस लिये मैं ने प्यार किया

आज वो दिन है, जिसके लिये मैं
तड़पी बनके राधा
आज मेरे मन की बचैनी
बड़ गई और ज़्यादा
प्यार में धोका न खा जाए
ये मन सीधा-सादा
ऐसा न हो झूठा निकले
आज मिलन का वादा
मैं ने क्यों ऐतबार किया
(दिल को यूँही बेक़रार किया
शाम सवेरे तेरी राह देखी
रात दिन इंतज़ार किया, हो...
किस लिये मैं ने प्यार किया) -२

जैसे राधा ने मला जपी श्याम की ..फ़िल्म :: तेरे मेरे सपने

जैसे राधा ने माला जपी श्याम की - २
मैं ने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की हो पिया, तेरे ही नाम की
राधा ने ...

प्रीत क्या जुड़ी
प्रीत क्या जुड़ी, डोर क्या बँधी
बिना जतन बिना यतन हो गैइ मैं नयी
बिना मोल की मैं बिकी, बिना दाम की
राधा ने ...

क्या तरंग है
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अँग अँग रचा पी का रंग है
शर्म आई, कैसे कहूँ बात श्याम की
राधा ने ...

पा लिया तुझे, पा लिया
पा लिया तुझे, पाई हर खुशी
चाहूँ बार बार चढ़ूँ तेरी पालकी
सुबह शाम की ये प्यास बड़े काम की
राधा ने ...

तू कहाँ ये बता ...फ़िल्म : तेरे घर के सामने

तू कहाँ, ये बता, इस नशीली रात में
माने ना मेरा दिल दीवाना
हाय रे ... माने ना मेरा दिल दीवाना

हे ... बड़ा नटखट है समा - २
हर नज़ारा है जवाँ
छा गया चारों तरफ़, मेरी आहों का धुआँ
दिल मेरा, मेरी जाँ, ना जाना ... तू कहाँ ...

ओ ओ ... आई जब ठंडी हवा - २
मैने पूछा जो पता
वो भी कतराके गई, और बेचैन किया
प्यार से, तू मुझे, दे सदा ... तू कहाँ ...

हे ... चांद तारों ने सुना - २
इन बहारों ने सुना
दर्द का राग मेरा, रहगुज़ारों ने सुना
तू भी सुन, जानेमन, आ भी जा ... तू कहाँ ...

ओ ओ ... प्यार का देखो असर - २
आए तुम थामे जिगर
मिल गई आज मुझे, मेरी मनचाही डगर
क्यूँ छुपा, एक झलक, फिर दिखा ... तू
कहाँ

ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत कौन हो तुम बतलाओ ..फ़िल्म ; तिन देवियाँ

ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त
कौन हो तुम बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो
और करीब आ जाओ

सुबह पे जिस तरह, शाम का हो गुमाँ - (२)
ज़ुल्फ़ों में एक चेहरा, कुछ ज़ाहिर कुछ निहा

धड़कनों ने सुनी, एक सदा पाओं की - (२)
और दिल पे लहराई, आँचल की छाओं सी

मिल ही जाती हो तुम, मुझको हर मोड़ पे - (२)
चल देती हो कितने, अफ़साने छोड़ के

फिर पुकारो मुझे, फिर मेरा नाम लो - (२)
गिरता हूँ फिर अपनी, बाहों में थाम लो

देखो मौसम क्या बहार है ..फ़िल्म: ओपेरा हौज

मुखेश : देखो मौसम
लता : क्या बहार है
मु : सारा आलम
ल : बेक़रार है
मु : ऐसे में क्यूँ हम
ल : दीवाने हो जाएं ना

छलकी-छलकी
मु : चाँदनी भी है
ल : हल्की-हल्की
मु : बेखुदी भी है
ल : ऐसे में क्यूँ हम
मु : यहीं पर खो जाएं ना

ल : गाती सी हर साँस में बजती सी शहनाइयाँ
मु : साया दिल पे डालती तारों की परछाइयाँ
ल : झांके चन्दा
मु : आसमान से
ल : छेड़े हमको
मु : जान-जान के
ल : ऐसे में क्यूँ हम ...

मु : दरिया की हर मौज में अरमानों का ज़ोर है
ल : दिलवालों के गीत का लहका-लहका शोर है
मु : लहरें डोलें
ल : झूम-झूम के
मु : साहिल का मुँह
ल : चूम-चूम के
मु : ऐसे में क्यूँ हम ...

Sunday, February 1, 2009

अच्छा तो हम चलते है ..फ़िल्म : आन मिलो सजना

अच्छा तो हम चलते हैं
फिर कब मिलोगे
जब तुम कहोगे
जुम्मे रात को

हाँ हाँ आधी रात को

कहाँ?
वहीं जहाँ कोई आता जाता नहीं
अच्छा तो हम चलते हैं ...

किसी ने देखा तो नहीं तुम्हें आते
नहीं मैं आयी हूँ छुपके छुपाके
देर कर दी बड़ी
ज़रा देखो तो घड़ी
उफ़्फ़ ओ, मेरी तो घड़ी बन्द है
तेरी ये अदा मुझे पसन्द है
देखो बाते वातें कर लो जळी जळी
फिर न कहना अभी आयी अभी चल दी
तो आओ पास बैठें पल दो पल
आज नहीं कल
ये तो इक बहाना है
वापस घर भी जाना है
कितनि जळी ये दिन ढलते हैं
हाय! टाटा ...
अच्छा तो हम चलते हैं
फिर कब मिलोगे
जब तुम कहोगे
कल मिलो या परसों
परसों नहीं, नरसों
कहाँ?
यहीं यहाँ कोई आता जाता नहीं
अच्छा तो हम चलते हैं ...

उड़ा है किस लिये तेरा रंग गोरी
हमारी पकड़ी गयी है बस चोरी
- अच्छा?
राम जाने क्या हो अब
कैसे हुआ ये ग़ज़ब
मेरा आँचल जो ज़रा ढल गया
सारी दुनिया को पता चल गया
कैसे खेलेंगे अब आँख मिचोलि
लेजा आके मेरे घर से मेरी डोली
तेरे घर वाले न कर दे इंकार
सब हैं तैय्यार, सब हैं तैय्यार
सुन ले फिर दिल की फ़रियाद
बस बाक़ी शादी के बाद
पिया देखो, दिये जलते हैं
अच्छा ...
अच्छा तो हम चलते हैं ...

बाहों में चले आओ ..हो ..फ़िल्म : अनामिका

बाहों में चले आओ
हो, हमसे सनम क्या परदा -२
श, श, श, श, श, श
बाहों में चले आओ...

(चले ही जाना है, नज़र चुराके यूँ
फिर थामी थी साजन तुमने मेरी कलाई क्यों) -२
किसी को अपना बना के छोड़ दे ऐसा कोई नहीं करता
श, श, श, श, श, श
बाहों में चले आओ...

(कभी कभी कुछ तो, कहो पिया हमसे

ए, कम-से-कम आज तो खुलके मिलो ज़रा हमसे) -२
है रात अपनी, जो तुम हो अपने, किसी का फिर हमें डर क्या
श, श, श, श, श, श
बाहों में चले आओ...

जाने न नजर पहचाने जिगर ...फ़िल्म :: आह

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मेरा अंग अंग मुस्काया - २

(आवाज़ ये किसकी आती है
जो छेड़ के दिल को जाती है ) - २
मैं सुन के जिसे शर्मा जाऊँ
है कौन जो दिल में समाया
मेरा अंग अंग मुस्काया - २

जाने न नज़र पहचाने जिगर
ये कौन जो दिल पर छाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया - २

(ढूँढेंगे उसे हम तारों में
सावन की ठण्डी बहारों में) - २
पर हम भी किसी से कम तो नहीं
क्यों रूप को अपने छुपाया
मुझे रोज़ रोज़ तड़पाया - २

(बिन देखे जिसको प्यार करूँ
गर देखूँ उस को जान भी दूँ) - २
एक बार कहो ओ जादुगर
ये कौन सा खेल रचाया
मेरा अंग अंग मुस्काया - २

रात अँधेरी दूर सवेरा ..फ़िल्म: आग

रात अँधेरी दूर सवेरा
बरबाद है दिल मेरा ओ
रात अँधेरी ...

आना भी चाहें आ ना सके हम
कोई नहीं आसरा
खोयी है मंज़िल रस्ता है मुश्किल
चाँद भी आज छुपा, ओ
रात अँधेरी ...

आह भी रोये राह भी रोये
सूझे न बाट कोई
थोड़ी उमर है सूना सफ़र है
मेरा न साथ कोई, ओ
रात अँधेरी ...