Wednesday, February 11, 2009

पीया पीया न लागे मोरा जिया .....फ़िल्म : फागुन

पिया पिया न लागे मोरा जिया
आजा चोरी चोरी ये बैंयां गोरी गोरी
तड़प उठी रे तेरे प्यार को
पिया पिया ...

एक बन की कली मतवाली नगरी में आई खिलने
जंगल की मोरनी आई बागों के मोर से मिलने
मिलने हो मिलने, मोर से मिलने
हाय ... अपना बना ले सैंया हो
पिया पिया ...

ओ बाँके नैना वाले ओ परदेसी मतवाले
तू मुरली मुझे बना ले होंठों से हाय लगा ले
मुरली बना ले होंठों से लगा ले
हाय ... अपना बना ले सैंया हो
पिया पिया ...

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