Monday, June 23, 2008

चाहा तो बनूँ प्यार की ...गुनाहों की देवता

चाहा था बनूँ प्यार की राहों का देवता
मुझको बना दिया है गुनाहों का देवता
ये जिंदगी तो कवाब है जीना भी है नशा
दो घूँट मैंने पि लिए तो क्या बुरा किया
रहने दो जाम सामने सब कुछ यही तो है
हर ग़मज़दा के आंसुओं का देवता
मुझको बना दिया
किस्मत तो चल रही है हमसे चाल हर क़दम
एक चाल हम भी चल दिए तो हो गया सितम
अब तो चलेंगे चाल हम किस्मत के साथ भी
ऐसा बना संसार की राहों का देवता
मुझको बना दिया
होगा जहाँ भी रूप तो पूजा ही जायेगा
चाहे जहाँ भी फूल हो मन को लुभाएगा
होकर रहेगा जिंदगी में प्यार एक बार
बस कर रहेगा दिल में निगाहों का देवता
मुझको बना दिया

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