Friday, June 13, 2008

गुन गुना रहे है भंवरे,

गुनागुना रहे हैं भंवरे,

खिल रही हैं कली कली

गली गली, कली कली

ज़रा देखो सजन

बेईमान भंवरा कैसे मुसकाए हाय,

कली यूं शरमाये,

घूघंट में गोरी जैसे छुप जाए

रुत एसी हाय कैसी,

ये पवन चली गली गली

किसी को क्या कहे,

हम दोनों भी हैं देखो कुछ खोये ओये,

हुआ क्या ओये ओये,

जागे जिया में अरमां सोये रुत एसी हाय

कैसी, ये पवन चली गली गली

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