Monday, July 21, 2008

जूम जूम ढलती रात ...फ़िल्म: कोहरा

जूम जूम ढलती रात

लेके चली मुजे अपने साथ

जाने कहा ले जाए, दर्द भरा ये दिल

जैसे सदा देती हैं, खोयी हुई मंजिल

छोडो पीया मेरी छोडो हाथ



हाल ये हैं मस्ती का, साँस लगी थामने

उतने रहे प्यासे हम जितनी भी पी हमने

गम को बढ़ा गयी, गम की मौत

जिस को कोई समजे ना, बात ना वो दोहरा

मेरा तेरा जीवन क्या छाया हुआ कोहरा

किसने सूनी कभी दिल की बात




A very good song from Hemanth kumaar...

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

धन्यवाद इस सुन्दर गीत के लिये

राज भाटिय़ा said...

धन्यवाद इस सुन्दर गीत के लिये