Thursday, July 10, 2008

इन बहारोंमे अकेले न फिरो ..... फ़िल्म :ममता

इन बहारों में अकेले ना फिरो,

राह में काली घटा रोक ना ले

मुज़को ये काली घटा रोकेगी क्या,

ये तो खुद हैं मेरी जुल्फों के तले

ये फिजायें, ये नजारे शाम के,

सारे आशिक हैं तुम्हारे नाम के

फूल कहती हैं तुम्हे बाद-ये-सबा,

देखना बाद-ये-सबा रोक ना ले

मेरे कदमों से बहारों की गली,

मेरा चेहरा देखती हैं हर कली

जानते हैं सब मुजे गुलज़ार में,

रंग सब को मेरे होंठों से मिले

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