Friday, July 18, 2008

जीवन के सफर में राही .......फ़िल्म : मुनिम्जी

जीवन के सफर में राही,

मिलते हैं बिछड़ जाने को

और दे जाते हैं यादें,

तनहाई में तडपाने को

रो रो के इन ही राहों में,

खोना पडा इक अपने को

हस हस के इन ही राहों में,

अपनाया था बेगाने को

तुम अपनी नयी दुनिया में,

खो जाओ पराये बनाकर

जी पाये तो हम जी लेंगे,

मरने की सजा पाने को

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