किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता हैं?
वही होता हैं जो मंजूर-ये-खुदा होता हैं
कोई दिल पे अगर छा जाए तो क्या होता हैं?
वही होता हैं जो मंजूर-ये-खुदा होता हैं
मुज़ को जुल्फों के साए में सो जाने दो सनम
हो रहा हैं जो दिल में, हो जाने दो सनम
बात दिल की दिल में रह जाए, तो फ़िर क्या होता हैं?
वही होता हैं जो मंजूर-ये-खुदा होता हैं
क्या मंजूर हैं खुदा को बताओ तो ज़रा
जान जाओगी, बाहों में आ जाओ तो ज़रा
कोई जो बाहों में आ जाए तो फ़िर क्या होता हैं?
वही होता हैं जो मंजूर-ये-खुदा होता हैं
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