चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिंजड़े वाली मुनिया - ४
उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया - २
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया
आरे!!
बरफ़ी के सब रस ले लियो रेपिंजड़े वाली मुनिया - २
अ हे अ हे ... हे रामा
उड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया - २
आहा!!!!
उड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया
आरे!
कपड़ा के सब रस ले लियो रेपिंजड़े वाली मुनिया - ३
जियो जियो पलकदस जियो!!
उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया - २
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया
आरे!!
बीड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया -3
A good song by mannadey in teesri khasam
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