Sunday, December 14, 2008

तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं ..फ़िल्म : सेहरा

तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं

साँसों में आज मेरे तूफ़ान उठ रहे हैं
शहनाईओं से कह दो कहीं और जा के गाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं

मतवाले चाँद सूरज तेरा उठाये डोला
तुझको खुशी की परियाँ घर तेरे ले के जाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं

तुम तो रहो सलामत सेहरा तुम्हे मुबारक
मेरा हर एक आँसू देने लगा दुआएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं

2 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

इतनी अच्छी रचना से परिचय करवाने के लिए आभार... वाह ! सभी भाषाएँ ऐसी ही सुन्दर रचनाओं से भरपूर हैं.... प्यार और किताबें दोनों ही बहुत खूबसूरत अनुभूतियाँ हैं.

vinayakam said...

Thanks ...
please do visit.. again and again