Saturday, January 31, 2009

Comedy king NAGESH of south India passes way


31-01-2009

Nagesh, the man who gave millions a million laughs through hundreds of films passed away this morning (January 31 2009) in Chennai after suffering from a prolonged illness.
According to reports, Nagesh fell down a couple of months ago and injured his leg severely. He had been in his residence ever since. Another unfortunate event happened yesterday when he tripped and fell inside his bathroom. The actor was taken to a private hospital and was discharged the same day after treatment.
At around 11 am this morning Nagesh passed away.

कभी रात दिन हम दूर थे ....फ़िल्म : आमने सामने

र : कभी रात-दिन हम दूर थे दिन-रात का अब साथ है
ल : वो भी इत्तेफ़ाक़ की बात थी ये भी इत्तेफ़ाक़ की बात है
र : कभी रात-दिन ...

र : तेरी आँखों में है ख़ुमार सा तेरी चाल में है सुरूर सा
ये बहार कुछ है पिए हुए ये समा नशे में है चूर सा -२
कभी इन फ़िज़ाओं में प्यास थी अब मौसम-ए-बरसात है
ल : वो भी इत्तेफ़ाक़ ...
र : कभी रात-दिन ...

ल : मुझे तुमने कैसे बदल दिया हैरान हूँ मैं इस बात पर -२
मेरा दिल धड़कता है आजकल तेरी शोख़ नज़रों से पूछ कर -२
मेरी जाँ कभी मेरे बस में थी अब ज़िन्दगी तेरे हाथ है
र : वो भी इत्तेफ़ाक़ ...

काहाको रोये चाघे जो होए ...फ़िल्म : आराधना

बनेगी आशा इक दिन तेरी ये निराशा

काहे को रोये, चाहे जो होये
सफ़ल होगी तेरी आराधना
काहे को रोये ...

आँखे तेरी काहे नादान
छलक गयी गागर समान
समा जाये इस में तूफ़ान
जिया तेरा सागर समान
जाने क्यों तूने यूँ
असुवन से नैन भिगोये
काहे को रोये ...

कहीं पे है सुख की छाया
कहीं पे है दुखों का धूप
बुरा भला जैसा भी है
यही तो है बगिया का रूप
फूलों से, कांटों से
माली ने हार पिरोये
काहे को रोये ...

दिया टूटे तो है माटी

जले तो ये ज्योति बने
आँसू बहे तो है पानी
रुके तो ये मोती बने
ये मोती आँखों की
पूँजी है ये न खोये
काहे को रोये ...

Friday, January 30, 2009

कभी तन्हाई यों में हमारी याद आएगी ...फ़िल्म : हमारी याद आएगी


A melody from mubaarak begum


कभी तनहाइयों में
हमारी याद आएगी

कभी तनहाइयों में
हमारी याद आएगी
अंधेरे छा रहे होंगे
के बिजली कौंध जाएगी
कभी तनहाइयों में यूँ...

ये बिजली राख कर जएगी तेरे

प्यार की दुनिया - २
ना फिर तू जी सकेगा और,

ना तुझको मौत आएगी
कभी तनहाइयों में यूँ...

web learning


close up photographer ...funny photo


तेरे द्वार खडा एक जोगी ...फ़िल्म : नागिन

काशी देखी, मथुरा देखी, देखे तीरथ सारे
कहीं न मन का मीत मिला तो आया तेरे द्वारे

तेरे द्वार खड़ा एक जोगी - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...

(दुनिया से मुख मोड़ा तेरे लिये जग छोड़ा
छोड़ दिया घर-बार) - २
बन-बन छाना मैंने, तुझे देवी माना मैंने
सुन ले मेरी पुकार - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...

(करके जतन आया, मन में अगन लाया
अखियों में दर्शन-प्यास) - २
प्रीत की भीक्षा, प्रेम की दीक्षा
माँग रहा यह दास - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...

जागो सोनेवालों सुनो मेरी कहानी ...फ़िल्म : भुत बँगला

जागो सोने वालों सुनो मेरी कहानी -२
क्या अमीरी क्या ग़रीबी भूलो बातें पुरानी
जागो सोने वालों ...

टूटा जो आज दिल का वो साज़ रोने लगा एक बदनसीब
हँसने लगे दुनिया के लोग कोई हुआ बर्बाद
जागो सोने वालों ...

ये ऊँच नीच दुनिया के बीच आख़िर ये क्यों बोलो कोई
जो है भला वो क्यों बुरा हम तो न समझे ये राज़
जागो सोने वालों ...

आपस में ग़म बाँटें जो हम फिर न रहें ऐसे सितम
कहने को इंसान हैं वो इन्सानियत कहाँ है
जागो सोने वालों ...

Wednesday, January 28, 2009

जान पहचान हो जीना आसान हो ..फ़िल्म: गुमनाम

जान पहचान हो, जीना आसान हो
दिल को चुरानेवालों आँख न चुराओ,
नाम तो बताओ
जान पहचान हो ...

हाय आज की ये शाम जवाँ
यूँ न चली जाये
फिर से न आयेगी ये किसीके बुलाये
या~ या!
जान पहचान हो ...

बोलो ये न बोलो तुम
हो गये इशारे
सीधी सीधी चोट हुई दिल पे हमारे
या~ ऊ, हा हा
जान पहचान हो ...

चुप-चुप देखा देखी
नज़रें दीवानी
ज़रा सी ये बात बन जाये न कहानी
हाय~ ऊ अह अह
जान पहचान हो ...

जाने चमन शोला बदन ....फ़िल्म : गुमनाम

र: जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ
शा: ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ
र: हाय
जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ
शा: हाय
ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ

र: ( मदहोश है ज़िंदगी
चारों तरफ़ बेख़ुदी ) -२
थामो मुझे मैं गिरा -२
लहराये दिल की लगी
जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ
शा: ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ

( पानी जो हम पर गिरे
इक आग तन में लगे ) -२
तुमको ख़बर क्या सनम -२
कहते हैं उल्फ़त इसे
ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ
र: होय-होय
जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ

( बादल से बरसे नशा
भीगी हुई है फ़िज़ा ) -२
शा: ठण्डी हवा जब चले -२
काँपे है दिल का दिया
ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ
र: हाय
जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ
शा: हाय
ओ मेरे दिल मेरे हमदम बाँहों में आ जाओ
र: जान-ए-चमन शोला-बदन पहलू में आ जाओ

Monday, January 26, 2009

ओ बिच्चुवा हाय रे ...फ़िल्म :: मधुमती

ल : ओ बिछुआ
हाय रे
पीपल छैंया
बैठी पल भर
हो
धर के गगरिया
हाय रे
को : हाय रे -३

ल : होय ओय ओय ओय ओय
ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ल : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
को : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

को : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

म : हो
हो ओ
मन्तर फेरूँ हूँ
कोमल काया ओ
छोड़ के जा रे
छू
को : जा रे -३

ल : होय ओय ओय ओय ओय
ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
को : ओ और भी चढ़ गयो
ना गयो पापी बिछुआ
ल : कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
को : ओ कैसी आग लगा गयो पापी बिछुआ
ल : सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआ
को : सारे बदन पे छा गयो पापी बिछुआ

को : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ

ल : ओ
हाय रे
मन्तर झूठा
ह बैद भी झूठा
हो
पिया घर आ रे
आ रे
को : आ रे -३

ल : ओय ओय ओय ओय
देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
को : ओ देखो रे देखो रे
देखो उतर गयो बिछुआ
म : हे टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
को : ओ टूट के रह गयो
डन्क उतर गयो बिछुआ
ल : सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआ
को : ओ सैंया को देख के
जाने किधर गयो बिछुआ

को : कैसो रे पापी बिछुआ बिछुआ -२
ल : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
को : ओ दैया रे दैया रे
चढ़ गयो पापी बिछुआ
ल : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ
को : ओ हाय-हाय रे मर गई
कोई उतारो बिछुआ

ओ काली टोपी वाले ज़रा नाम तो बता ...फ़िल्म : काली टोपी लाल रुमाल

आ : ओ काली टोपी वाले ज़रा नाम तो बता
र : ओ गोरे गोरे गालों वाली काम तो बता

आ : मोहे वो नाम बता दूर ही रह के
तोहे पुकार सकूँ ( मैं वो ही कह के ) -२
र : वो ही बताने का ईनाम तो बता
आ : ओ काली टोपी वाले ...

र : छम छम के तीर चले ( दिल हुआ घायल ) -२
फिर एक बार सुनूँ ( गोरी तेरी पायल ) -२
आ : पायल सुनाने का ईनाम तो बता
र : ओ गोरे गोरे गालों वाली ...

आ : तुम भी वही हो बाबू हमें ना बनाओ
र : तुमको भी देख लिया जाओ जी जाओ
आ : जाऊँगी जाने का ईनाम तो बता
ओ काली टोपी वाले ...

ओ नींद न मुझको आए ..फ़िल्म: पोस्ट . बॉक्स .नं .999

हे: ओ नींद न मुझ को आए,
दिल मेर घबराए
चुप के चुप के, कोई आ के,
सोया प्यार जगाए
ल: ओ नींद ...

हे: सोया हुआ सँसार है,

सोया हुआ सँसार

मैं जागूँ यहाँ,

तू जागे वहाँ,
एक दिल में दर्द दबाए

दो: ओ नींद ...

ल: एक बीच में दीवार है,
एक बीच में दीवार
मैं तड़पूँ यहाँ,
तू तड़पे वहाँ,
हाय चैन जिया को नहीं आए

दो: ओ नींद ...

हे: मैं हूँ यहाँ बेक़रार
तू है वहाँ बेक़रार
मैं गाऊँ यहाँ
तू गाये वहाँ
दिल को दिल बहलाए

दो: ओ नींद ...

ओ बड़ी देर भाई नन्द लाला ...फ़िल्म : खान्दान

ओ बड़ी देर भई नन्दलाला
तेरी राह तके ब्रजबाला
बाल ग्वाल इक इक से पूछें कहाँ है मुरली वाला रे

कोई न जाये कुँज गलिन में तुझ बिन कलियाँ चुनने को
तरस रहे हैं जमुना के तट पर धुन मुरली की सुनने को
अब तो दर्द दिखा दे नटखट क्यों दुविधा में डाला रे

संकट में है आज वो धरती जिस पर तूने जनम लिया
पूरा कर दे आज वचन वो गीता में जो तूने दिया
तुझ बिन कोई नहीं है मोहन भारत का रखवाला रे

Sunday, January 25, 2009

ओ बालम तेरे प्यार की ठंडी आग में ..फ़िल्म : राम और श्याम

आ : ओ बालम तेरे प्यार की ठंडी आग में जलते-जलते -२
मैं तो हार गई रे -४
र : लूट लिया दिल तूने मेरा राह में चलते-चलते -२
नैना मार गई रे -४

आ : मैं हूँ बावरिया तेरी साँवरिया दिल से जाना ना
र : आज मिली हो जैसे अकेली कल भी चली आना
आ : चन्दा और सूरज की तरह रोज़ निकलते-ढलते
मैं तो हार गई रे -२
र : लूट लिया दिल ...
आ : बालम तेरे ...

र : डाल के जादू रूप का तूने दिल मेरा छीना
आ : प्रीतम तूने प्रीत जगा दी छेड़ के मन बीना
र : नैनों में भर के प्यार का कजरा अखियाँ मलते-मलते
नैना मार गई रे -२
आ : बालम तेरे ...

ओ दिलबर जानिए तेरे है हम सफर ....फ़िल्म: हसीना मान जायेगी

ओ दिलबर जानिए तेरे हैं हम तेरे -२
छुपा लेंगे इन आँखों में सनम हम ग़म तेरे
ओ दिलबर जानिए ...

यूँ बात बात-बात पे तुम रूठा न करो
दिल तोड़ तोड़-तोड़ मज़ा लूटा ना करो
ओ जान-ए-जानाँ ये तो है रुस्वाई प्यार की
इन बातों से बढ़ जाएगी महँगाई प्यार की
ढूँढे नहीं पाओगी तुम बाज़ार में आशिक़
दौड़ेंगे fifty sixtyकी रफ़्तार से आशिक़
फिर नाम ले के प्यार का तुम गाया करोगी
सर फोड़ के दीवारों से ( चिल्लाया करोगी ) -३
ओ दिलबर जानिए ...

ओ बेवफ़ा तूने मुझे कहीं का न छोड़ा
तू ग़ुस्सा जो करती है करले प्यार भी थोड़ा
तेरे बिना जीना मेरा जीना है क्या जीना
तड़पूँगा मैं जब आएगा सावन का महीना
ये हुस्न भी क्या हुस्न है जो इश्क़ ना जाने
दिलदार को और यार को बिल्कुल ना पहचाने
मेरी वफ़ा एक दिन ऐसा रंग लाएगी
ये नाज़नीं ज़ालिम ( हसीना मान जाएगी ) -३
ओ दिलबर जानिए ...

ओ दिलबर सोणिए तेरे हैं हम तेरे

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ ..फ़िल्म : तीसरी मंजिल

रफ़ी: ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ - २

आशा: वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

आशा: गर्म है, सेज़ है, ये निगाहें मेरी
रफ़ी: काम आ, जायेगी सर्द, आहें मेरी
आशा: तुम किसी, राह में, तो मिलोगे कहीं
रफ़ी: अरे! इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं
आशा: मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

रफ़ी: ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ - २

आशा: वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

आशा: छिप रहे, है ये, क्या ढंग है आपका?
रफ़ी: आज तो, कुछ नया, रंग है आपका
आशा: है! आज की, रात मैं, क्या से क्या हो गयी
रफ़ी: अह! आपकी सादगी, तो भला हो गयी
आशा: मैं ही हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

रफ़ी: ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ - २

आशा: वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

आशा: ठहरिये, तो सही, कहिये क्या नाम है
रफ़ी: मेरी बदनामियों का वफ़ा नाम है
आशा: ओहो! क़त्ल कर के चले ये वफ़ा, खूब है
रफ़ी: है! नादां तेरी, ये अदा, खूब है
आशा: मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

रफ़ी: ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जानेजहाँ
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ - २

आशा: वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ!!!

तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है ..फ़िल्म : दादीमा

तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है
प्यारी-प्यारी है ओ माँ ओ माँ
ये जो दुनिया है ये बन है काँटों का
तू फुलवारी है ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी ...

दूखन लागीं माँ तेरी अँखियाँ -२
मेरे लिए जागी है तू सारी-सारी रतियाँ
मेरी निंदिया पे अपनी निंदिया भी तूने वारी है
ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी ...

अपना नहीं तुझे सुख-दुख कोई -२
मैं मुस्काया तू मुस्काई मैं रोया तू रोई
मेरे हँसने पे मेरे रोने पे तू बलिहारी है
ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी ...

माँ बच्चों की जाँ होती है -२
वो होते हैं क़िस्मत वाले जिनकी माँ होती है
कितनी सुन्दर है कितनी सुशील (?) है न्यारी-न्यारी है
ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी ...

ओ माझी चल ओ माझी चल ..फ़िल्म : आया सावन झुमके

ओ मांझी चल -४
तू चले तो छम-छम बाजे मौजों की पायल
ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ ओ मांझी
चल

(तेरा जीवन नदीया की धार है
तन है नैय्या, मन पतवार) -२
सुन ओ मांझी, मौजों की पुकार है
थाम ले तू
थाम ले तू मस्त पवन का, लहराता आंचल
ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ ओ मांझी
चल

(आशाओं से नाता जोड ले
ये निराशा के बंधन तोड दे) -२
सुन ओ मांझी, आज का गम तू छोड दे
आज तो पीछे
आज तो पीछे रह गया है, सामने है कल
ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ मांझी चल, ओ ओ मांझी
चल

ओ महबूबा ओ महबूबा ...फ़िल्म : संघम

ओ महबूबा!
ओ महबूबा!
ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मक़्सूद
वो कौन सी महफ़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
ओ महबूबा ...

गुज़रूँ मैं इधर से कभी, गुज़रूँ मैं उधर से
मिलता है हर इक रासता, जा कर तेरे दर से
ओ महबूबा ...

बाहों के तुझे हार मैं पहनाऊँगा इक दिन
सब देखते रह जायेंगे, ले जाऊँगा इक दिन
ओ महबूबा ...

किस बात से नाराज़ हो, किस बात का है ग़म
किस सोच में डूबी हो तुम, हो जायेगा संगम
ओ महबूबा ...

ओ मेरे बेचैन दिल को चैन तू ने दिया ..फ़िल्म : आमने सामने

ओ मेरे बेचैन दिल को चैन तूने दिया
शुक्रिया शुक्रिया ओ शुक्रिया शुक्रिया
ओ तेरा एहसान है जो प्यार तूने किया
शुक्रिया शुक्रिया ...

कभी ख़्वाबों में मैने आ-आ के तेरी नींदें चुराईं रातों में
कभी उलझाया कभी सुलझाया तेरी ज़ुल्फ़ों को मुलाक़ातों में
ओ मेरी ग़ुस्ताख़ियों को तूने माफ़ किया -२
शुक्रिया शुक्रिया ...

हर वक़्त समाई रहती थी मायूसी मेरी निगाहों में
मैं भटक जाता मैं बहक जाता गिर जाता मैं इन राहों में
ओ मेरे साथी मुझे तूने थाम लिया
शुक्रिया शुक्रिया ...

मौजों ने तेरी ही बात की तारों ने तेरा ही नाम लिया
जब गुलशन में हुआ तेरा गुज़र फूलों ने भी दामन थाम लिया -२
ओ तूने जान-ए-जहाँ दिल मुझको दिया
शुक्रिया शुक्रिया ...

Thursday, January 22, 2009

ना बोले ना बोले ना बोले रे ..फ़िल्म : आजाद

ना बोले, ना बोले, ना बोले रे - २
(घूँघट के पट ना खोले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे ) - २

राधा की लाज भरी अँखियों के डोरे
देखोगे कैसे अब गोकुल के छोरे
देखो मोहन का मनवा डोले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
घूँघट के पट ना खोले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे

याद करो जमुना किनारे, साँवरिया - २
ओढ़ी थी राधा की काहे गगरिया

इस कारन ना तुम संग बोले रे

राधा ना बोले, ना बोले रे
ना बोले, ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
घूँघट के पट ना खोले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे

रूठी हुई यूँ ना मानेगी छलिया
चरणों में राधा के, रख दो मुरलिया - (२)
बात बन जायेगी हौले हौले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
घूँघट के पट ना खोले रे
राधा ना बोले, ना बोले, ना बोले रे

यादों की बरात निकली है ...फ़िल्म : यादों की बरात

कि: ( यादों की बारात निकली है आ दिल के द्वारे
दिल के द्वारे ) २
सपनों की शहनाई बीते दिनों को पुकारे
दिल के द्वारे
हो ओ छेड़ो तराने मिलन के प्यारे प्यारे
संग हमारे

कि: बदले ना अपना ये आलम कभी
जीवन में बिछड़ेंगे ना हम कभी
र: बदले ना अपना ये आलम कभी
जीवन में बिछड़ेंगे ना हम कभी
यूं भी जाओगे आख़िर कहाँ होके हमारे

दो: यादों की बारात ...

र: आगे भी होगा जो उसका करम
कि: ये दिन तो मनायेंगे हर साल हम
र: अपने आंगन नाचे गायेंगे चन्दा सितारे

दो: यादों की बारात ...

यारी होगई यार से ...फ़िल्म : दो चोर

( यारी हो गई ) २
यारी हो गई यार से लक तुनु तुनु
प्यार को काम क्या झूठे संसार से
यारी हो गई ...

ओस में भीगे भीगे आकाश के तले
जाने हम जल जाना लगकर यार के सीने से
हो चूर थकन से होके जब सांस ना चले
हमको जीवन मिल जाता है जहर के पीने से
जीते है प्यार से मरते है प्यार से
हाँ यारी हो गई ...

धरम सदा अपना तो हँसना बोलना
लुकना छुपना क्या जाने हम होड़ में आँचल की
हो करम सदा अपना तो खुलके डोलना
लहराती बैंयां हैं और ये ताल है पायल की
गूंजती हर गली प्रेम झंकार से
हाँ यारी हो गई ...

Wednesday, January 21, 2009

यहाँ वहाँ सारे जहाँ में तेरा राज है ..फ़िल्म : आन मिलो सजना

यहाँ वहाँ सारे जहाँ में तेरा राज है
तेरे ही तो सर पे मुहब्बत का ताज है
जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद
जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद

तू बहारों का इशारा
बेसहारों का सहारा
सर पे तेरे, हाँ हाँ तेरे है बोझ सारा
तेरे जवाँ हाथों में दुनिया की लाज है
जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद ...

तेरे लिये कसमें नहीं
कसमें नहीं रसमें नहीं
तू किसी के, हाँ किसी के बस में नहीं
जुदा सभी रसमों से तेरा हर रिवाज़ है
जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद ...

पीछे है बचपन दीवाना
आगे बुढ़ापा सयाना
साथ तेरे, हाँ हाँ तेरे है ये ज़माना
तेरी नज़र तो चाँद तारों पे आज है
जवानी ओ दीवानी तू ज़िंदाबाद ...

यासोमती मय्या से बोले नंदलाला ...फ़िल्म : सत्यम सिवम सुन्दरम

म: यशोमती मय्या से बोले नंदलाला -२
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला
राधा क्यों गोरी
coughs

ल: ओऽ
यशोमती मय्या से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला -२
बोली मुस्काती मय्या ललन को बताया
कारी अंधियरी आधी रात में तू आया
लाडला कंहय्या मेरा होऽ
लाडला कंहय्या मेरा काली कमली वाला
इसीलिए काला
यशोमती मय्या से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला -२

बोली मुस्काती मय्या सुन मेरे प्यारे -२
गोरी-गोरी राधिका के नैन कजरारे
काले नैनों वाली ने होऽ
काले नैनों वाली ने ऐसा जादू डाला
इसीलिए काला
यशोमती मय्या से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला -२
इतने में राधा प्यारी आई इठलाती
मैं ने न जादू डाला बोली बलखाती

मैया कन्हय्या तेरा जग से निराला

इसीलिए काला

ये दिल और उनकी निगाहों के साए ...फ़िल्म : प्रेम पर्वत

ये दिल और उनकी, निगाहों के साये - (३)
मुझे घेर लेते, हैं बाहों के साये - (२)

पहाड़ों को चंचल, किरन चूमती है - (२)

हवा हर नदी का बदन चूमती है - (२)
यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों के साये - (२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

लिपटते ये पेड़ों से, बादल घनेरे - (२)
ये पल पल उजाले, ये पल पल अंधेरे - (२)
बहुत ठंडे ठंडे, हैं राहों के साये - (२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

धड़कते हैं दिल कितनी, आज़ादियों से - (२)
बहुत मिलते जुलते, हैं इन वादियों से - (२)
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये - (२)
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

ये दिल दीवाना है दिल तो दीवाना है ..फ़िल्म : इश्क पर जोर नहीं

ल: ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है
दीवाना दिल है ये दिल दीवाना
आ हा हा
र: आ हा हा
ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है
दीवाना दिल है ये दिल दीवाना
दो: आ हा हा
ल: कैसा बेदर्दी है
कैसा बेदर्दी है, इसकी तो मर्ज़ी है
जब तक जवानी है, ये रुत सुहानी है
नज़रें जुदा ना हों, अरमां ख़फ़ा ना हों
दिलकश बहारों में, छुपके चनारों में
यूं ही सदा हम तुम, बैठे रहें गुमसुम
वो बेवफ़ा जो कहे हमको जाना है
ये दिल
ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है
दीवाना दिल है ये दिल दीवाना
दो: आ हा हा
र: बेचैन रहता है
बेचैन रहता है, चुपके से कहता है
मुझको धड़कने दो, शोला भड़कने दो
काँटों में कलियों में, साजन की गलियों में
फेरा लगाने दो, छोड़ो भी जाने दो
खो तो न जाऊंगा, मैं लौट आऊंगा
देखा सुने समझे अच्छा बहाना है
ये दिल
ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है
दीवाना दिल है ये दिल दीवाना
दो: आ हा हा
ल: सावन के आते ही
सावन के आते ही
र: बादल के छाते ही
ल: फूलों के मौसम में
र: फूलों के मौसम में
दो: चलते ही पुरवाई, मिलते ही तन्हाई
उलझा के बातों में, कहता है रातों में
र: यादों में खो जाऊं, जल्दी से सो जाऊं
ल: क्योंके साँवरिया को सपनों में आना है
ये दिल
र: ये दिल
ल: ये दिल दीवाना है
र: दिल तो दीवाना है
दो: दीवाना दिल है ये दिल दीवाना
आ हा हा -२

ये दोस्ती हम नहीं छोडेंगे .... फ़िल्म: शोले

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे

ऐ मेरी जीत तेरी जीत तेरी हार मेरी हार
सुन ऐ मेरे यार
तेरा ग़म मेरा ग़म तेरी जान मेरी जान
ऐसा अपना प्यार
खाना पीना साथ है, मरना जीना साथ है (२)
सारी ज़िन्दगी
ये दोस्ती ...

लोगों को आते हैं दो नज़र हम मगर
ऐसा तो नहीं
हों जुदा या ख़फ़ा ऐ खुदा दे दुआ
ऐसा हो नहीं
ज़ान पर भी खेलेंगे तेरे लिये ले लेंगे (२)
सबसे दुश्मनी

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे

ये दुनिया ये महफ़िल ...फ़िल्म : हीर रांझा

ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं - (२)

किसको सुनाऊँ हाल-ए-दिल बेक़रार का
बुझता हुआ चराग़ हूँ अपने मज़ार का
ऐ काश भूल जाऊँ मगर भूलता नहीं
किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का
ये दुनिया...

अपना पता मिले न खबर यार की मिले
दुश्मन को भी ना ऐसी सज़ा प्यार की मिले
उनको खुदा मिले है खुदा की जिन्हे तलाश
मुझको बस इक झलक मेरे दिलदार की मिले
ये दुनिया...

सहरा में आके भी मुझको ठिकाना न मिला
ग़म को भूलाने का कोई बहाना न मिला
दिल तरसे जिस में प्यार को क्या समझूँ उस संसार को
इक जीती बाज़ी हारके मैं ढूँढूँ बिछड़े यार को
ये दुनिया...

दूर निगाहों से आँसू बहाता है कोई
कैसे न जाऊँ मैं मुझको बुलाता है कोई
या टूटे दिल को जोड़ दो या सारे बंधन तोड़ दो
ऐ पर्बत रस्ता दे मुझे ऐ काँटों दामन छोड़ दो
ये दुनिया...

ये जवानी है दीवानी ...फ़िल्म: जवानी दीवानी

ये जवानी, है दीवानी
हट मेरी रानी, रुक जा ओ रानी
देख ज़रा पीछे मुड़के
चली कहां ऐसे उड़ के
गिलि गिलि अक्खा, गिलि गिलि अक्खा
बिलि बिलि बिलि ...

बातें, मुलाक़ातें करने की शाम है
ऐसे में रूठना दीवनों का काम है
हे, ये जवानी है दीवानी ...

खिलके दिल मिलते, खिल जाता बनके फूल
पर तुझको न भूलि छोटी सी मेरी भूल
हे, ये जवानी है दीवानी ...

रूठी, चली झूठी हट छूटी दोस्ती
शिक़वा है होंठों पे, आँखों में प्यार भी
हे, ये जवानी है दीवानी ...

Tuesday, January 20, 2009

ये जीवन है इस जीवन का ...फ़िल्म : पीया का घर

ये जीवन है
इस जीवन का
यही है, यही है, यही है रंग रूप (२)
थोड़े ग़म हैं, थोड़ी खुशियाँ
यही है, यही है, यही है छाँव धूप
ये जीवन है ...

(ये ना सोचो इसमें अपनी
हार है कि जीत है ) - २
उसे अपना लो जो भी
जीवन की रीत है
ये ज़िद छोड़ो, यूँ ना तोड़ो
हर पल एक दर्पण है
ये जीवन है ...

धन से ना दुनिया से
घर से न द्वार से
साँसों की डोर बंधी है
प्रीतम के प्यार से
दुनिया छूटे, पर ना टूटे
ये कैसा बंधन है
ये जीवन है
इस जीवन का
यही है, यही है, यही है रंग रूप
थोड़े ग़म हैं
थोड़ी खुशियाँ
यही है, यही है, यही है छाँव धूप
ये जीवन है

ये जुल्फ कैसी है जंजीर जैसी है ...फ़िल्म : पीया का घर

र : ये ज़ुल्फ़ कैसी है ज़ंजीर जैसी है
वो कैसी होगी जिसकी तस्वीर ऐसी है
ल : ये आँख कैसी है तीर जैसी है
वो कैसा होगा जिसकी तस्वीर ऐसी है

र : तुम तो मुझे पसंद हो क्या मैं तुम्हें पसंद हूँ
क्या तुम रज़ामंद हो मैं तो रज़ामंद हूँ
बोलो चुप क्यों हो
ल : मैं तुमसे क्या बोलूँ तक़दीर कैसी है
वो कैसा होगा ...

घूँघट निकाल के पिया बैठूँगी मैं तो आज से
देखो न इस तरह मुझे मर जाऊँगी मैं लाज से
र : ये ख़्वाब कैसा है ताबीर कैसी है
वो कैसी होगी ...

ये जो मोहब्बत है ये उनका है काम ...फ़िल्म : कटिपतन्ग

ये जो मुहब्बत है, ये उनका है काम
महबूब का जो, बस लेते हुए नाम
मर जाएं, मिट जाएं, हो जाएं बदनाम
रहने दो छोड़ो भी जाने दो यार
हम ना करेंगे प्यार
रहने दो छोड़ो भी जाने दो यार
हम ना करेंगे प्यार

टूटे अगर सागर नया सागर कोई ले ले
मेरे खुदा दिल से कोई किसी के न खेले
दिल टूट जाए तो क्या हो अंजाम
ये जो ...

नज़र किसी से न उलझ जाए मैं डरता हूँ
यारों हसीनों की गली से मैं गुज़रता हूँ
बस दूर ही से कर के सलाम
ये जो ...

ये शाम मस्तानी मदहोश किए जा फ़िल्म: कटी पतंग

ये शाम मस्तानी, मदहोश किये जा
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जा

दूर रहती है तू, मेरे पास आती नहीं
होठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं
ऐसा लगे, जैसे कि तू, हँसके ज़हर कोई पिये जाये
शाम मस्तानी ...

बात जब मैं करूँ, मुझे रोक देती है क्यों
तेरी मीठी नज़र, मुझे टोक देती है क्यों
तेरी हया, तेरी शरम, तेरी क़सम मेरे होंठ सिये जाये
शाम मस्तानी ...

एक रुठी हुई, तक़दीर जैसे कोई
खामोश ऐसे है तू, तस्वीर जैसे कोई
तेरी नज़र, बनके ज़ुबाँ, लेकिन तेरे पैग़ाम दिये जाये

ये शाम मस्तानी, मदहोश किये जा

मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जा

Monday, January 19, 2009

ये क्या हुआ कैसे हुआ कब हुआ ...फ़िल्म : अमर प्रेम

ये क्या हुआ, कैसे हुआ, कब हुआ -
अब क्या सुनाएं?

(ये क्या हुआ, कैसे हुआ, कब हुआ,
क्यूँ हुआ, जब हुआ, तब हुआ ) - २
ओ छोड़ो, ये ना सोचो, ये क्या हुआ...

हम क्यूँ, शिकवा करें झूठा, क्या हुआ जो दिल टूटा - २
शीशे का खिलौना था, कुछ ना कुछ तो होना था, हुआ
ये क्या हुआ...

ऐ दिल, चल पीकर झूमें, इन्हीं गलियों में घूमें - २
यहाँ तुझे खोना था, बदनाम होना था, हुआ
ये क्या हुआ...

हमने जो, देखा था सुना था, क्या बताऐं वो क्या था - २
सपना सलोना था, खत्म तो होना था, हुआ
ये क्या हुआ...

ये लड़का हाय अल्लाह कैसे है दीवाने : फ़िल्म: हम किसीसे कम नहीं

आशा:
(ये लड़का हाय अल्लाह कैसा है दीवाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है) -२

ये लड़का हाय अल्लाह ...

(हमने तो इतना देखा, हमने तो इतना सीखा
दिल का सौदा होता है सौदा ज़िंदगी का) -२
मिलते ही कैसे कोई होता है दीवाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है

(हो सकता है देखो न, समझो मिट्टी को सोना
पल भर का हँसना हो जाए जीवन भर का रोना) -२
देखो जळी में कभी दिलको न लगाना
कितना मुश्क़िल है तौबा इसको समझाना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है

किशोर:
(भोली हो तुम क्या जानो, अब भी मुझको पहचानो
सपना तुम्हारा मैं हूँ, मानो या न मानो) -२
देखो नादानी से मुझे न ठुकराना
नहीं तो गाती ही रहोगी ये तराना
के धीरे-धीरे दिल बेक़रार होता है
के होते होते होते, प्यार होता है

ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा ;;फ़िल्म : प्रेम नगर

ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा
मेरा ग़म, कब तलक़, मेरा दिल तोड़ेगा
ये लाल रँग ...

किसी का भी लिया नाम तो, आई याद, तू ही तू
ये तो प्याला शराब का, बन गया, ये लहू
ये लाल रँग ...

पीने कि क़सम डाल दी, पीयूँगा किस तरह
ये ना सोचा तूने यार मैं, जीयूँगा किस तरह
ये लाल रँग ...

चला जाऊँ कहीं छोड़ कर, मैं तेरा ये शहर
यहाँ तो ना अमृत मिले, पीने को, ना ज़हर
हाय, ये लाल रँग ...

ये रातें नई पुरानी ....फ़िल्म : जुली

ये रातें नई पुरानी -२
आते आते-जाते कहती हैं कोई कहानी
ये रातें ...

आ रहा है देखो कोई जा रहा है देखो कोई

सबके दिल हैं जागे-जागे सबकी आँखें खोई-खोई
ख़ामोशी करती है बातें
ये रातें ...

क्या समाँ है जैसे ख़ुश्बू उड़ रही हो कलियों से
गुज़री हो निंदिया में पलकों की गलियों से
सुन्दर सपनों की बारातें
ये रातें ...

कौन जाने कब चलेंगी किस तरफ़ से ये हवाएँ
साल भर तो याद रखना ऐसा न हो भूल जाएँ
इस रात की मुलाकातें
ये रातें ...

यूँही तुम मुझ से बात करती हो ...फ़िल्म I: सच्चा झूठा

र: यूँही तुम मुझसे बात करती हो
या कोई प्यार का इरादा है
ल: अदाएं दिल की जानता ही नहीं

मेरा हमदम भी कितना सादा है

र: रोज़ आती हो तुम ख़यालों में (२)
ज़िंदगी में भी मेरी आ जाओ
बीत जाए न ये सवालों में
इस जवानी पे कुछ तरस खाओ
ल: हाल-ए-दिल समझो सनम (२)
मुँह से न कहेंगे हम

हमारी भी कोई मर्यादा है, यूँही तुम...

र: बन गई हो मेरी सदा के लिये
या मुझे यूँ ही तुम बनाती हो
ल: कहीं बाहों में न भर लूँ तुमको
क्यों मेरे हौसले बढ़ाती हो
र: हौसले और करो, फ़ासले दूर करो
पास आते न डरो
दिल न तोड़ेंगे अपना वादा है, यूँही तुम...

र: भोलेपन में है वफ़ा की खुशबू
इसपे सब कुछ न क्यूँ लुटाऊँ मैं
ल: मेरा बेताब दिल ये कहता है
तेरे साए से लिपट जाऊँ मैं
र: मुझसे ये मेल तेरा (२)
न हो इक खेल तेरा
ये करम मुझपे कुछ ज़ियादा है, यूँही तुम...

Friday, January 16, 2009

यूँ रूठो ना हसीना ...फ़िल्म: नींद हमारी ख्वाब तुम्हारी




http://www।youtube।com/watch?v=_MOhQVDYcXQ





यूँ रूठो ना हसीना मेरी जान पे बन जाएगी
मेरी जान पे बन जाएगी यूँ रूठो ना हसीना

करते न जो बहाना नज़दीक कैसे आते
ये फ़ासला ये दूरी हम किस तरह मिटाते
हाथों में तुम न लेते जब हाथ ही हमारा
इस बेक़रार दिल को मिलता कहाँ सहारा -२
हाय यूँ रूठो ना ...

ये बाल बिखरे-बिखरे गालों पे यूँ न होते
ये नाग काले-काले फूलों में यूँ न सोते
ये रात का अन्धेरा दिन से गले न मिलता
उल्फ़त का शोख़ गुंचा ऐसे न दिल में खिलता -२
हाय यूँ रूठो ना ...

आओ करीब आओ पलकों पे बैठ जाओ
आँखों में झूम जाओ दिल में मेरे समाओ
अब मुस्करा के कह दो हम तो ख़फ़ा नहीं हैं
एक दिल है एक जाँ है हम-तुम जुदा नहीं हैं -२
हाय यूँ रूठो ना ...

ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा ..फ़िल्म : काजल




http://www।youtube।com/watch?v=cLB833QEMLY





ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा
ये ज़ुल्फ़ ...

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा
ये ज़ुल्फ़ ...

दुनिया की निगाहों में बुरा क्या है भला क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा
ये ज़ुल्फ़ ...

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है
इल्ज़ाम किसी और पे आ जाए तो अच्छा
ये ज़ुल्फ़ ...

ये शमा शमा है ऐ प्यार का ...फ़िल्म : जब जब फूल खिले




http://www।youtube।com/watch?v=bY4GB_I17BE




ये समा
समा है ये प्यार का
किसी के इंतज़ार का
दिल ना चुराले कहीं मेरा
मौसम बहार का
ये समा...

बसने लगे आँखों में
कुछ ऐसे सपने
कोई बुलाए जैसे
नैनों से अपने - (२)
ये समा...

मिलके खयालों में ही
अपने बलम से
नींद गंवाँई अपनी
मैंने क़सम से - (२)
ये समा...

Thursday, January 15, 2009

ये नयन डरे डरे ...फ़िल्म : कोहरा

One of the best of Late Hemanth daa "s



http://www.youtube.com/watch?v=m-YgFhXFjMc&feature=related






ये नयन डरे डरे, ये जाम भरे भरे
ज़रा पीने दो
कल की किसको खबर, इक रात होके निडर
मुझे जीने दो
ये नयन डरे डरे ...

(रात हसीं ये चाँद हसीं
पर सबसे हसीं मेरे दिलबर ) - २
और तुझसे हसीं, और तुझसे हसीं तेरा प्यार
तू जाने ना
ये नयन डरे डरे ...

(प्यार मे है जीवन की खुशी
देती है खुशी कई गम भी ) - २
मै मान भी लूँ, मै मान भी लूँ कभी हार
तू माने ना
ये नयन डरे डरे ...

ये पर्बतों के दायरे ये शाम का धुआँ फ़िल्म ... :: वासना



http://www।youtube।com/watch?v=WlQn4P91Eao




ये पर्बतों के दायरे ये शाम का धुआँ
ऐसे में क्यों न छेड़ दें दिलों की दास्ताँ

ज़रा सी ज़ुल्फ़ खोल दो फ़िज़ा में इत्र घोल दो
नज़र जो बात कह चुकी वो बात मुँह से बोल दो
कि झूम उठे निगाह में बहार का समाँ
ये पर्बतों के दायरे ...

ये चुप भी एक सवाल है अजीब दिल का हाल है
हर इक ख़याल खो गया बस अब यही ख़याल है
कि फ़ासला न कुछ रहे हमारे दर्मियाँ
ये पर्बतों के दायरे ...

ये रूप रंग ये फबन चमक्ते चाँद सा बदन
बुरा न मानो तुम अगर तो चूम लूँ किरण किरण
कि आज हौसलों में है बला की गर्मियाँ
ये पर्बतों के दायरे ...

ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आँखें ....फ़िल्म : दो रास्ते

ये रेशमी ज़ुल्फ़ें, ये शरबती आँखें
इन्हें देख कर जी रहे हैं सभी - २
ये ...

(जो ये आँखे शरम से, झुक जाएंगी
सारी बातें यहीं बस, रुक जाएंगी ) - २
चुप रहना ये अफ़साना, कोई इनको ना बतलाना कि
इन्हें देख कर जी रहे हैं सभी - २
ये ...

(ज़ुल्फ़ें मग़रूर इतनी, हो जाएंगी
दिल तो तड़पाएंगी, जी को तरसाएंगी ) - २
ये कर देंगी दीवाना, कोई इनको ना बतलाना कि
इन्हें देख कर जी रहे हैं सभी - २
ये ...

याहू ...चाहे कोई मुझे जंगली कहें ...फ़िल्म : जंगली

याहू -२
चाहे कोई मुझे जंगली कहे
कहने दो जी कहता रहे
हम प्यार के तूफ़ानों से घिरे हैं हम क्या करें -२
चाहे कोई मुझे ...

मेरे सीने में भी दिल है हैं मेरे भी कुछ अरमाँ
मुझे पत्थर तो न समझो मैं हूँ आख़िर इक इन्साँ
राह मेरी वही जिसपे दुनिया चली -२
चाहे कोई मुझे ...

इक मुद्दत से ये तूफ़ाँ मेरे सीने में थे बेचैन
क्या छुपाऊँ क्या छुपा है जब मिलते हैं नैन से नैन -२
सब्र कैसे करूँ क्यूँ किसी से डरूँ -२
चाहे कोई मुझे ...

सर्द आहें कह रही हैं है ये कैसी बला की आग
सोते-सोते ज़िन्दगानी घबरा के उठी है जाग -२
मैं यहाँ से वहाँ जैसे ये आसमाँ -२
चाहे कोई मुझे ...

Monday, January 12, 2009

यही है वो सांझ और सवेरा ....फ़िल्म: सांझ और सवेरा

र : जिसके लिए तड़पे हम सारा जीवन भर
यही है वो साँझ और सवेरा -२

आ : जनम-जनम से अँधेरा था मेरी राहों में
ये बात कब थी भला मदभरी फ़िज़ाओं में
र : सबा बहार के डोले में तुमको लाई है
के आज सारी ख़ुदाई है मेरी बाँहों में
चला गया ग़म का वो अन्धेरा
मिलन हुआ प्यार का सुनहरा
जिसके लिए तड़पे ...

आ : तुम्हीं छुपे थे मेरी ज़िन्दगी के दर्पण में
तुम्हारा प्यार समेटा था अपने दामन में
र : जले हैं प्यार के दीपक बना धुआँ काजल
खिले हैं फूल तमन्ना के दिल के आँगन में
मिला मुझे साथ संग तेरा
चमक उठा है नसीब तेरा
जिसके लिए तड़पे ...

आ : मेरी पलक तुम्हारी पलक का साया है
ज़बान-ए-दिल पे तुम्हारा ही नाम आया है
र : निसार ऐसी ख़ुशी पर हमारी सारी उमर
के हमने चाँद को अपने गले लगाया है
तुमने रंग प्यार का भरा गहरा
निखर गया आसमाँ का चेहरा
जिसके लिए तड़पे ...

यहाँ कोई नहीं तेरे मेरे सिवा ...फ़िल्म : दिल एक मन्दिर

यहाँ कोई नहीं तेरा मेरे सिवा
कहती है झूमती गाती हवा
तुम सब को छोड़ कर आ जाओ, आ जाओ आ जाओ

बादल भी बन के पानी, इक दिन तो बरसता है
लोहा भी जल के आग में इक दिन तो पिघलता है
जिस दिल में हो मुहब्बत इक दिन तो तरसता है
यहाँ कोई नहीं ...

तेरी मन की उलझनें सुलझाना चाहता हूँ
तुझे आज से अपनी मैं बनाना चाहता हूँ
मन के सुनहरे मन्दिर में बिठाना चाहता हूँ
यहाँ कोई नहीं ...

यही वो जगह है ....फ़िल्म : ये रात फिर न आएगी

यही वो जगह है, यही वो फ़िज़ा है
यहीं पर कभी आप हमसे मिले थे
इन्हें हम भला किस तरह भूल जायें
यहीं पर कभी आप हमसे मिले थे
यहि वो जगह है ...

यहीं पर मेरा हाथ, हाथों में लेकर
कभी ना बिछड़ने का, वादा किया था
सदा के लिये हो गए हम तुम्हारे
गले से लगा कर हमें ये कहा था
कभी कम ना होंगी हमारी वफ़ाएं
यहीं पर कभी आप हमसे मिले थे
यहि वो जगह है ...

यहीं पर वफ़ा का, नया रंग भर के
बनाई थी चाहत की, तसवीर तुमने
यहीं की बहारों से, फूलों को चुन कर
संवारी थी उलफ़त की, तक़दीर तुमने
वो दिल आपको याद कैसे दिलाये
यहीं पर कभी आप हमसे मिले थे
यहि वो जगह है ...

यकीन कर लो मुझे मोहब्बत है तुम से तुम से ..फ़िल्म : यकिन

यकीन कर लो मुझे मुहब्बत है तुमसे तुमसे -२
मेरी ये दुनिया हसीन जन्नत है तुमसे तुमसे -२

( तुम्हारी तस्वीर है नज़र में चराग़ जैसे हो रहगुज़र में
तुम्हारी यादें मेरा सहारा उदास जीवन के हर सफ़र में ) -२
डगर-डगर पर सुहानी रंगत है तुमसे तुमसे

यकीन कर लो मुझे मुहब्बत है तुमसे तुमसे

( सिवा तुम्हारे न कोई अपना हमेशा देखा तुम्हारा सपना
क़िताब-ए-दिल पे लिखी हुई है तुम्हारी चाहत की एक रचना ) -२
मेरी कहानी बस एक हक़ीक़त है तुमसे तुमसे

यकीन कर लो मुझे मुहब्बत है तुमसे तुमसे
मेरी ये दुनिया हसीन जन्नत है तुमसे तुमसे
यकीन कर लो मुझे मुहब्बत है तुमसे तुमसे

Sunday, January 11, 2009

याद में तेरी जाग जाग के हम .....फ़िल्म : मेरे महबूब

याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे धीमे चिराग़ जलते हैं

जबसे तूने निगाह फेरी है
दिन है सूना तो रात अंधेरी है
चाँद भी अब नजर नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम ...

लुट गयी वो बहार की महफ़िल
छुट गयी हमसे प्यार की मंज़िल
ज़िंदगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम ...

तुझको पाकर हमें बहार मिली
तुझसे छुटकर मगर ये बात खुली
बाग़बान ही चमन के फूलों को
अपने पैरों से खुद मसलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम ...

क्या कहें तुझसे क्यूं हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी
तुझको मालूम क्या के तेरे लिये
दिल के गम आँसुओं में ढलते हैं
याद में तेरी जाग-जाग के हम ...

या दिल की सुनो दुनियावाले ...फ़िल्म : अनुपमा

या दिल की सुनो दुनियावालो
या मुझको अभी चुप रहने दो
मैं ग़म को खुशी कैसे कह दूँ
जो कहते हैं उनको कहने दो

ये फूल चमन मे कैसा खिला
माली की नज़र मे प्यार नहीं
हँसते हुए क्या क्या देख लिया
अब बहते हैं आँसू बहने दो
या दिल की सुनो ...

एक ख्वाब खुशी का देखा नहीं
देखा जो कभी तो भूल गये
माना हम तुम्हें कुछ दे ना सके
जो तुमने दिया वो सहने दो
या दिल की सुनो ...

क्या दर्द किसी का लेगा कोई
इतना तो किसी में दर्द नहीं
बहते हुए आँसू और बहें
अब ऐसी तसल्ली रहने दो
या दिल की सुनो ...

Saturday, January 10, 2009

या अल्लाह या अल्लहा दिल ले गई ...फ़िल्म : तुमसा नहीं देखा

झूमता मौसम मस्त महीना
चाँद सी गोरी एक हसीना
आँख में काजल मुँह पे पसीना
ऐसे में मुश्किल कर के जीना
( या अल्लाह ) -२ दिल ले गई -२

कोई रंगीला सपनों में आ के
एक नज़र से अपना बना के
प्यार का जादू हम पे चला के
( या अल्लाह ) -२ दिल ले गया -२

ठण्डी सड़क नीम तले तीर-ए-नज़र ख़ूब चले
ओ तुम भी उधर ज़ख़्मी हुए
हम भी इधर ज़ख़्मी हुए
हाय लाल चुनरिया चाल निराली
सर पे झूमर कान में बाली
हाथ में चूड़ियाँ मोतियों वाली
या अल्लाह ...
तुम भी यहाँ हम भी यहाँ
ऐसा मिलन होगा कहाँ
ओ तेरी क़सम जान-ए-जहाँ
दिल है वहीं तू है जहाँ
ओ दिल का मालिक इक मतवाला
इस जहाँ में सबसे निराला
प्यार का सूरज दिल का उजाला
या अल्लाह ...

दोनों तरफ़ आग लगी
ऐसी लगी बुझ न सकी
ओ तुम भी जले हम भी जले
खिल तो गई दिल की कली
मुखड़ा तेरा गुल की कहानी
ज़ुल्फ़ें तेरी श्याम सुहानी
रूप की मलका प्यार की रानी
या अल्लाह ...

याद आई आधीरात को कल रत की तौबा ..: फ़िल्म : कन्हय्या

याद आयी आधी रात को, कल रात की तौबा
दिल पूछता है झूम के, किस बात की तौबा? तौबा
याद आयी आधी रात को

चाहत में वफ़ा और वो मर मिटने की क़समें
क्या बात है बहके हुए जज़बात की तौबा, तौबा
याद आयी आधी रात को

साक़ि मुझे बतला तो दे, मूँह फेर के मत हँस
पीने में अगर ठीक तो, किस बात की तौबा? तौबा
याद आयी आधी रात को

मरने भी न देंगे मुझे, दुशमन मेरी जाँ के
हर बात पे कहते हैं कि, किस बात की तौबा? तौबा
याद आयी आधी रात को

याद किया दिल ने कहाँ हो तुम ...फ़िल्म : पतिता

याद किया दिल ने कहाँ हो तुम
झूमती बहार है कहाँ हो तुम
प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम - २

(ओ, खो गये हो आज किस खयाल में
ओ, दिल फ़ंसा है बेबसी के जाल में ) - २
मतलबी जहाँ मेहरबां हो तुम
याद किया दिल ने कहाँ हो तुम
प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम - २

(ओ, रात ढल चुकी है सुबह हो गयी
ओ, मै तुम्हारी याद लेके खो गयी ) - २
अब तो मेरी दास्ताँ हो तुम
याद किया दिल ने कहाँ हो तुम
प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम - २

(ओ, तुम तो मेरे ज़िंदगी के बाग़ हो
ओ, तुम तो मेरी राह के चिराग़ हो ) - २
मेरे लिये आसमाँ हो तुम
याद किया दिल ने कहाँ हो तुम
प्यार से पुकार लो जहाँ हो तुम - २

यार चुलबुला है हसीं दिलरुबा है : फ़िल्म :: दिल देखे देखो

यार चुलबुला है हंसीं दिलरुबा है
झूठ बोलता है मगर ज़रा ज़रा
तो बोलो जी
फिर क्या करे दीवाना

ये किसे पता है ये हुस्न की अदा है
तुमको दिल दिया है मगर ज़रा ज़रा
तो देखो जी
धोखे में आ न जाना

छोड़ो शरारत शबाब के हैं दिन
बचपन के शायद जनाब के हैं दिन
बस इसी अदा पे हम सनम तुम्हारे हो लिये
किस तरह यक़ीं हमको आए ये तो बोलिये
तो सुन लो तो सुन लो तो सुन-सुन-सुन-सुन-सुन
तो सुन लो जी
कहता क्या ज़माना
यार चुलबुला है ...

उलझे से बालों का है ये हाल क्या
तुमने जो देख तो आ गया नशा
चल रहा है तीर, दिल बचाइये बचाइये
पहले नैनों की झुकी कमान तो उठाइये
तो देखो तो देखो तो दे-दे-दे-दे-दे
तो देखो जी
दिल हो गया निशाना
यार चुलबुला है ...

ऐसे हसीनों का ऐतबार क्या
अच्छा तो तकते हो बार बार क्या
देखता हूँ किसने ये हसीं शकल बनाई है
ऐसा लग रहा है तुमने गहरी चोट खाई है
तो देखो तो देखो तो दे-दे-दे-दे-दे
तो देखो जी
इस दिल क तलमलाना
यार चुलबुला है ...

ये देश है वीर जावानोंका ......फ़िल्म : नया दौर

ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का
ओ ...
ओ ... अति वीरों की
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों ... होय!!
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है दुनिया का गहना

ओ... ओ...
यहाँ चौड़ी छाती वीरों की
यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे ... होय!!
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में
मस्ती में झूमें बस्ती में

ओ... ओ...
पेड़ों में बहारें झूलों की
राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन ... होय!!
यहाँ हँसता है सावन बालों में
खिलती हैं कलियाँ गालों में

ओ... ओ...
कहीं दंगल शोख जवानों के
कहीं कर्तब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले ... होय!!
यहाँ नित नित मेले सजते हैं
नित ढोल और ताशे बजते हैं

ओ... ओ...
दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम ... होय!!
मैदां में अगर हम दट जाएं
मुश्किल है के पीछे हट जाएं

हुर्र हे !! हा!!
हुर्र हे !! हा!!
हुर्र हे !! हा!
अड़िपा! अड़िपा! अड़िपा!

ये मर्द बड़े दिल सर्द बड़े नदोखा खाना ...... फ़िल्म :: मिस मेरी

ये मर्द बड़े दिल सर्द बड़े बेदर्द न धोखा खाना
मीठी मीठी बतियों में भूल के न आना

होते हैं छोटे दिल के लम्बी ज़ुबान वाले
देते हैं माल खोटा ऊँची दुकान वाले
छोटा मुँह और बात बड़ी ये है दस्तूर पुराना
मीठी मीठी बतियों में भूल के न आना ...

बात पते की है ये मानो जो मेरा कहना
अच्छा है आग से तो दूर ही दूर रहना
झूठी इनकी जात बड़ी ये है दस्तूर पुराना
मीठी मीठी बतियों में भूल के न आना ...

Rafi version

ये मर्द बड़े दिल सर्द बड़े बेदर्द चलो जी माना
मर्दों का फिर भी ग़ुलाम है ज़माना ...

दुनिया के साथ चलो नया ज़माना है ये
मर्दों को दोश देना राग पुराना है ये
झूठी इनकी जात कहो या कहो इन्हें दीवाना
मर्दों का फिर भी ग़ुलाम है ज़माना ...

गुस्सा गुरूर लड़ना नारी की भूल है ये
ठण्डा मिजाज़ रखना पहला उसूल है ये
बात पते की कहता हूँ तुम चाहे कहो दीवाना
मर्दों का फिर भी ग़ुलाम है ज़माना ...

Tuesday, January 6, 2009

ये मेरा दीवानापन है ...फ़िल्म : यहूदी

ONE OF THE BEST FROM MUKESH


http://www.youtube.com/watch?v=C0TWCGUbkvE




दिल से तुझको बेदिली है, मुझको है दिल का गुरूर
तू ये माने के न माने, लोग मानेंगे ज़ुरूर

ये मेरा दीवानापन है, या मुहब्बत का सुरूर
तू न पहचाने तो है ये, तेरी नज़रों का क़ुसूर
ये मेरा दीवानापन है ...

दिल को तेरी ही तमन्ना, दिल को है तुझसे ही प्यार
चाहे तू आए न आए, हम करेंगे इंतज़ार
ये मेरा दीवानापन है ...

ऐसे वीराने में इक दिन, घुट के मर जाएंगे हम
जितना जी चाहे पुकारो, फिर नहीं आएंगे हम
ये मेरा दीवानापन है ...

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजायें ..फ़िल्म : चोरी चोरी

what a beatiful song ;;;; see again and again

http://www.youtube.com/watch?v=V6E3YpLQYcU&feature=related



म : ये रात भीगी-भीगी ये मस्त फ़िज़ाएँ
उठा धीरे-धीरे वो चाँद प्यारा-प्यारा
ल : क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

म : इठलाती हवा नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल
जीवन में न जाने क्या है कमी
ल : क्यों आग सी लगा के ...
म : ये रात भीगी-भीगी ...

ल : जो दिन के उजाले में न मिला
दिल ढूँढे ऐसे सपने को
इस रात की जगमग में डूबी
मैं ढूँढ रही हूँ अपने को
म : ये रात भीगी-भीगी ...
ल : क्यों आग सी लगा के ...

म : ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं
भूले से जो हमको याद करे
ल : इक हल्की सी मुस्कान से जो
सपनों का जहाँ आबाद करे
म : ये रात भीगी-भीगी ...

ये राते ये मौसम नदी का किनारा ..फ़िल्म ; दिल्ली का ठग

one more best song :

http://www.youtube.com/watch?v=XIvLcp_Q-9Q&feature=related




कि: ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
आ: कहा दो दिलों ने, की होंगे न मिल कर, कभी हम जुदा
(दोनो): ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

आ: ये क्या बात है आज की चांदनी में - २
के हम खो गये प्यार की रागिनी में
कि: ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा ज़िंदगी का मज़ा
(दोनो): ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

कि: सितारों की महफ़िल ने करके इशारा - २
कहा अब तो सारा जहाँ है तुम्हारा
आ: मुहब्बत जवाँ हो, खुला आसमाँ हो
करे कोई दिल आरज़ू और क्या
(दोनो): ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

आ: क़सम है तुम्हे तुम अगर मुझसे रूठे - २
कि: रहे सांस जब तक, ये बंधन न टूटे
आ: तुम्हें दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूँगी सदा
कि: ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
(दोनो): कहा दो दिलों ने, की होंगे न मिल कर,
कभी हम जुदा
(दोनो): ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

ये जिंदगी उसी की है ..फ़िल्म : अनारकली

ये ज़िंदगी उसी की है, जो किसी का हो गया
प्यार ही में खो गया, ये ज़िंदगी ...

ये बहार, ये समा, कह रहा है प्यार कर
किसी की आरज़ू में अपने दिल को बेक़रार कर
ज़िंदगी है बेवफ़ा...
ज़िंदगी है बेवफ़ा, लूट प्यार का मज़ा
ये ज़िंदगी ...

धड़क रहा है दिल तो क्या, दिल की धड़कनें ना सुन
फिर कहां ये फ़ुर्सतें, फिर कहाँ ये रात-दिन
आ रही है ये सदा...
आ रही है ये सदा, मस्तियों में झूम जा
ये ज़िंदगी ...

दो दिल यहाँ न मिल सके, मिलेंगे उस जहान में
खिलेंगे हसरतों के फूल, मौत के आस्मान में
ये ज़िंदगी चली गई जो प्यार में तो क्या हुआ
ये ज़िंदगी ...

सुना रही है दास्तां, शमा मेरे मज़ार की
फ़िज़ा में भी खिली रही, ये कली अनार की
इसे मज़ार मत कहो, ये महल है प्यार का
ये ज़िंदगी ...

ऐ ज़िंदगी की शाम आ, तुझे गले लगाऊं मैं
तुझी में डूब जाऊं मैं
जहाँ को भूल जाऊं मैं
बस एक नज़र मेरे सनम, अल्विदा, अल्विदा
अल्विदा ... अल्विदा ...
अल्विदा ... अल्विदा ...

यूँ हसरतों के दाग ....फ़िल्म : अदालत

यूँ हसरतों के दाग़, मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही, और रो लिये
यूँ...

घर से चले थे हम तो, खुशी की तलाश में -२
खुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे वही, साथ हो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही, और रो लिये
यूँ...

मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
हाँ फूल ही तो है
अब आप की ख़्हुशी इसे काँटों में तोलिये
खुद दिल से दिल की बात कही, और रो लिये
यूँ ...

होंठों को सी चुके तो, ज़माने ने ये कहा - २
ज़माने ने ये कहा
ये चुप सी क्यों लगी है अजी, कुछ तो बोलिये
खुद दिल से दिल की बात कही, और रो लिये
यूँ...

यूँ तो हमने लाख हसीं देखे है ..फ़िल्म : तुम सा नहीं देखा

यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं
तुमसा नहीं देखा
हो, तुमसा नहीं देखा

उफ़ ये नज़र उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
ज़ुल्फ़ें हैं या बदलियां
आँखें हैं या बिजलियां
जाने किस किसकी आएगी सज़ा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...

तुम भी हंसीं रुत भी हंसीं
आज ये दिल बस में नहीं
रास्ते ख़ामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पिये बिन आज हमे चढ़ा हैं नशा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...

तुम न अगर बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतनी क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसीका कहा
यूँ तो हमने लाख हंसीं देखे हैं ...

Sunday, January 4, 2009

गोरे गोरे ओ बांके छोरे कभी मेरी गली आया करो : फ़िल्म : समाधि

लता: गोरे गोरे ओ बाँके छोरे कभी मेरी गली आया करो
अमीर: गोरी गोरी ओ बाँकी छोरी चाहे रोज़ बुलाया करो

लता: रोज़ रोज़ मुलाक़ात अच्छी नहीं
प्यार में ऐसी बात अच्छी नहीं
थोड़ा थोड़ा मिलना थोड़ी सी जुदाई
सदा चाँदनी रात अच्ची नहीं
अमीर: छोड़ो छोड़ो, जिया न तोड़ो
किसी और को जलाया करो

दोनों:
गोरी गोरी ओ बाँकी छोरी चाहे रोज़ बुलाया करो
गोरे गोरे ओ बाँके छोरे, कभी मेरी गली आया करो
गोरी गोरी ओ बाँकी छोरी, चाहे रोज़ बुलाया करो

लता: छोटी-सी बात पर ये लड़ाई?
प्यार की दुहाई है, प्यार की दुहाई
अखियों में अखियाँ डाल के तो देखो
चेहरे पे ग़ुस्सा हाय दिल में सफ़ाई
अमीर: घड़ी घड़ी, ओ बड़ी बड़ी,
ऐसी बातें न बनाया करो
दोनों:
गोरी गोरी ओ बाँकी छोरी, चाहे रोज़ बुलाया करो
गोरे गोरे ओ बाँके छोरे, कभी मेरी गली आया करो
गोरी गोरी ओ बाँकी छोरी चाहे रोज़ बुलाया करो

गा मेरे मन गा गा मेरे मन गा ..:फ़िल्म: लाजवंती

गा मेरे मन गा ... गा मेरे मन गा
तू गा मेरे मन गा ... गा मेरे मन गा
(यूँ ही बिताए जा दिन ज़िंदगी के) - २
गा मेरे मन गा ... गा मेरे मन गा

ह्म्म, तेरी टूटी हुई बीना
कहे तुझको है जीना
जीवन को निभा
ह्म्म, चाहे भर भर आए
चाहे दुख बरसाये
तेरे नैनों की घटा
तू नैन मत छलका...
गा मेरे मन गा ...

ये हैं दुनिया के मेले
तुझे फिरना अकेले
सह सहके सितम
ह्म्म, नफ़रत का दीवाना
नहीं समझा ज़माना
तेरा दुख तेरा ग़म
खा ठेस और मुस्का...
गा मेरे मन गा ...

ह्म्म, हर सू है अंधेरा फिर कौन है तेरा
जो मैं कहूँ ज़रा सुन
ह्म्म, मेरी खो गई पायल मेरी गीत है घायल
मेरी ज़खमी है धुन
फिर भी तू झूमे जा...
गा मेरे मन गा ...

Friday, January 2, 2009

धीरे धीरे चल चाँद गगन में ...फ़िल्म : लव म्यारेज

धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

वो क्या चीज़ थी, मिलाके नज़र गिरा दी
हुआ वो असर, के हमने नज़र झुका दी
गुन गुन गूँजे राग, आज पवन में
धीरे धीरे चल चाँद गगन में

दो दिल मिल गये, दिये जल गये हज़ारों
अजी, तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हज़ारों
होंगी दो दो बात आज मिलन में
अरे, धीरे धीरे चल चाँद गगन में

जाए तो जाए कहाँ .....फ़िल्म : टाक्सी ड्रैवर

जाएं तो जाएं कहाँ - २
समझेगा, कौन यहाँ, दर्द भरे दिल की ज़ुबाँ
जाएं तो जाएं कहाँ ...

मायूसियों का, मजमा है जी में
क्या रह गया है, इस ज़िंदगी में
मायूसियों का, मायूसियों का, मजमा है जी में
क्या रह गया है, इस ज़िंदगी में
रूह में ग़म दिल में धुआं
जाएं तो जाएं कहाँ ...

अपना भी ग़म है, उनका भी ग़म है
अब दिल के बचनेकी, उम्मीद कम है
अपना भी ग़म है, अपना भी ग़म है, उनका भी ग़म है
अब दिल के बचनेकी, उम्मीद कम है
एक कश्ती, सौ तूफ़ाँ, जाएं तो जाएं कहाँ ...

ओ जाने वाले, दामन छुड़ा के
मुश्किल है जीना, तुझको भुला के
ओ जाने वाले, ओ जाने वाले, दामन छुड़ा के
मुश्किल है जीना, तुझको भुला के
इससे तो है, मौत आसाँ, जाएं तो जाएं कहाँ ...

सीने में शोले, सासों में आहें
इस ज़िन्दगी से, कैसे निबाहें
सीने में शोले, सीने में शोले, सासों में आहें
इस ज़िन्दगी से, कैसे निबाहें
हर जज़बात है वीराँ, जाएं तो जाएं कहाँ ...

जाने क्या तुने कही ...फ़िल्म : प्यासा

जाने क्या तूने कही
जाने क्या मैने सुनी
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...

सनसनाहट सी हुई
थरथराहट सी हुई
जाग उठे ख्वाब कई
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...

नैन झुक झुक के उठे
पाँव रुक रुक के उठे
आ गयी जान नई
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...

ज़ुल्फ़ शाने पे मुड़े
एक खुशबू सी उड़े
खुल गये राज़ कई
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...