Tuesday, January 8, 2008

आय मेरे दिल कही और चल


One of the good songs of Talat mahamood



अए मेरे दिल कही और चल
गम की दुनिया से दिल भर गया



ढूंढ ले अब कोइ घरनयाँ

चल जहा गम के मारे ना हो

जूठी आशा के तारे ना हो

उन बहारों से क्या फायदा

जिस में दिल की कली जल गयी

जख्म फिर से हरा हो गया



चार आंसू कोइ रो लिया

फेर के मुह कोइ चल दिया

लूट रहा था किसी का जहा

देखती रह गयी ये जमीन

चुप रहा बेरहम आसमान

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