बचपन की मोहब्बत को,
दिल से ना जुदा करना
जब याद मेरी आये,
मिलाने की दूवान करना
घर मेरी उम्मीदों का
सूना किये जाते हो
दुनिया ही मोहब्बत की
लुटे लिए जाते हो
जो गम दिए जाते हो,
उस गम की दवा करना
सावन में पापी के साथ
संगीत चुरऊंगी
फ़रयाद तुम्हे अपनी
गा गा के सुनाऊँगी
आवाज मेरी सुन के,
दिल थाम लिया करना
बैजू बावरा ...1952
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