बदल जाये अगर माली,
चमन होता नहीं खाली
बहारें फिर भी आती है,
बहारें फिर भी आयेंगी
थकन कैसी, घुटन कैसी,
चल अपनी धून में दीवाने
खिला ले फूल काटों मी, सजा ले अपने वीराने
हवाएं आग भादकाए, फजाएं जहर बरसाए
बहारें फिर भी आती है, बहारें फिर भी आयेंगी
अँधेरे क्या, उजाले क्या,
ना ये अपने ना वो अपने
तेरे काम आयेंगे प्यारे,
तेरे अरमां, तेरे सपनें
ज़माना तुज पे हो बरहम न आये राहाभर मौसम
बहारें फिर भी आती है, बहारें फिर भी आएंगी
a good one from mahendra kapoor..
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