बाबुल की दुआएं लेती जा,
जा तुज को सुखी संसार मिले
मायके की कभी ना याद आये,
ससुराल में इतना प्यार मिले
नाजों से तुजे पाला मैंने,
कलियों की तरह फूलों की तरह
बचपन में ज़ुलाया हैं तुज़को,
बाहों ने मेरी ज़ुलों की तरह
मेरे बाग़ की आये नाजुक डाली,
तुजे हरपाल नयी बहार मिले
जिस घर से बंधे हैं भाग तेरे,
उस घर में सदा तेरा राज राहे
होंठों पे हंसी की धुप खिले,
माथे पे खुशी का ताज राहे
कभी जिसकी ज्योत ना हो फीकी,
तुजे एसा रूप सिंगार मिले
बीते तेरे जीवन की घदीयाँ,
आराम की ठण्डी छाँव में
काँटा भी ना चुभने पाए कभी, मेरी लाडली तेरे पाँव में
उस द्वार से भी दुख दूर राहे, जिस द्वार से तेरा द्वार मिले
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