Monday, December 10, 2007

आधा है चंद्रमा ........

आधा हैं चंद्रमा,
रात आधी
रह ना जाये तेरी मेरी
बात आधी,
मुलाक़ात आधी
पीया आधी हैं प्यार की भाषा
आधी रहने दो मन की आभिलाषा
आधे चअलाके नयन
आधे ढलके नयन
अभी पलकों में भी हैं
बरसात आधी
आस कब तक रहेगी अधूरी
प्यास होगी नहीं क्या ये पूरी
प्यासा प्यासा पवन
प्यासा प्यासा गगन
प्यासे तारों की भी हैं
बरात आधी
सूर आधा ही श्याम ने सादा
रहा राधा का प्यार भी आधा
नैन आधे खिले, होंठ आधे हिले
रही मन में मिलन की वो बात आधी ...

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