Saturday, November 17, 2007

जिगर माँ पड़ी ..ओम्कारा


न गिलाफ,


न लिहाफ


न गिलाफ, न लिहाफ ठंडी हवा भी खिलाफ ससुरी - २


हो इतनी सर्दी है किसीका लिहाफ लेही लेह


हो जा पडोसी के चुलेह से आग लेही लेह - २


बीडी जलायिले जिगर से पिया, जिगार्मा बड़ी आग है -


?तू आना निगारी अलग से पिया आह आ


तू आना निगारी अलग से पिया, के दुनिया बड़ी ढँक है


हाँ बीडी जलायिले जिगर से पिया, जिगार्मा बड़ी आग है


न गिलाफ, न लिहाफ ठंडी हवा भी खिलाफ ससुरी


हो इतनी सर्दी है किसीका लिहाफ लेही लेह


हो जा पडोसी के चुलेह से आग लेही लेह - २


न कसूर, न फतूर न कसूर, न फतूर,


बिना जुराम के हजूर मार गए, हो मार गए


हो ऐसे इक दिन दुपहरी बुला लियो रे


बांध घुंघरू कचेहरी लगालियो रे


बुलाय्लियो रे, बुलाय्लियो रे दुपहरी


लगायिलो रे, लगायिलो रे कचेहरी


अंगीठी जलायिले जिगर से पिया,


जिगार्मा बड़ी आग है बीडी जलायिले जिगर से पिया,


जिगार्मा बड़ी आग है




हो न टोह चक्कुओं की धार, हो न डराती?? न कतार - २


ऐसा काटे के डाट का निसान छोड़ डे


के कतई टोह कोई भी किसान जोड़ डे


ओ ऐसे जालिम का जोड़ डे रे मकान जोड़ डे, रे बिलो..


.जालिम का जोड़ डे मकान जोड़ डे


ऐसे जालिम का, ओ ऐसे जालिम का, ऐसे जालिम का जोड़ डे मकान जोड़ डे


न बुलाया, न बताया


न बुलाया, न बताया, माने नींद से जगाया, हाय रे


ऐसे चोंकेले हाथ में नसीब आ गया


वह इलायची खिलायिके करीब आ गया


कोयिला जलायिले जिगर से पिया, जिगार्मा, आग है




इतनी सर्दी है किसीका लिहाफ लेही लह्हो जा पडोसी,


हो जा पडोसी, जा जा पडोसी


हो जा पडोसी के चुलेह से आग लेही लेह

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