Friday, April 11, 2008

धीरे धीरे चल चाँद गगन मी

धीरे धीरे चल चाँद गगन में

कही ढल ना जाए रात टूट ना जाए सपने

तू जूमाके चले टू दिलपे चले कटारी

है मीठी छूरी ये जालिम नजर तुम्हारी

गुनगुन गूंजे राग आज पवन में

वो क्या चीज थी मिलाके नजर पिला दी

हुआ वो असर के हमने नजर जूका दी

होंगी टू सौ बात आज मिलन मी

दो दिल मिल गए, दिए जल गए हजारो

अजी तुम मिल गए, टू गुल खिल गए हजारो

रिमाजिम बरसे प्यार आज चमन मी

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