दिल एसा किसी ने मेरा तोडा, बर्बादी की तरफ़ एसा मोडा
एक भले मानुष को, अमानुष बना के छोडा
सागर कितना मेरे पास है, मेरे जीवन में फ़िर भी प्यास है
है प्यास बड़ी जीवन थोडा, अमानुष बना के छोड़ा
कहते हैं ये दुनिया के रास्ते, कोई मंजिल नहीं तेरे वास्ते
नाकामियों से नाता मेरा जोडा, अमानुष बना के छोडा
डूबा सूरज फ़िर से निकले, रहता नहीं हैं अँधेरा
मेरा सूरज एसा रूठा, देखा न मैंने सवेरे
उजालों ने साथ मेरा छोडा, अमानुष बना के छोडा
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