Tuesday, April 29, 2008

दिल दिया दर्द लिया

दिल रुबा, मैंने तेरे प्यार में क्या क्या ना किया
दिल दिया दर्द लिया, दिल दिया दर्द लिया
कभी फूलों में गुजारी, कभी काटों में जिया

दिल दिया दर्द लिया, दिल दिया दर्द लिया
जिंदगी आज भी है, बेखुदी आज भी हैं
प्यार कहते हैं जिसे, वो खुशी आज भी हैं

मैंने दिनरात मोहब्बत का तेरी जाम पीया
क्या कहू तेरे लिए, मैंने आंसू भी पिए
कभी खामोश रहा, कभी शिकवे भी किए
कर लिया शाक गरेबान, कभी दामन को सिया
प्यार की जान हैं तू, दिल का अरमां हैं तू
कौन दुनिया से डरे, जब निगेबान हैं तू
अपनी कश्ती को सहारे पे तेरे छोड़ दिया



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