या दिल की सुनो दुनियावालो
या मुझको अभी चुप रहने दो
मैं ग़म को खुशी कैसे कह दूँ
जो कहते हैं उनको कहने दो
ये फूल चमन मे कैसा खिला
माली की नज़र मे प्यार नहीं
हँसते हुए क्या क्या देख लिया
अब बहते हैं आँसू बहने दो
या दिल की सुनो ...
एक ख्वाब खुशी का देखा नहीं
देखा जो कभी तो भूल गये
माना हम तुम्हें कुछ दे ना सके
जो तुमने दिया वो सहने दो
या दिल की सुनो ...
क्या दर्द किसी का लेगा कोई
इतना तो किसी में दर्द नहीं
बहते हुए आँसू और बहें
अब ऐसी तसल्ली रहने दो
या दिल की सुनो ...
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