ओ दिलबर जानिए तेरे हैं हम तेरे -२
छुपा लेंगे इन आँखों में सनम हम ग़म तेरे
ओ दिलबर जानिए ...
यूँ बात बात-बात पे तुम रूठा न करो
दिल तोड़ तोड़-तोड़ मज़ा लूटा ना करो
ओ जान-ए-जानाँ ये तो है रुस्वाई प्यार की
इन बातों से बढ़ जाएगी महँगाई प्यार की
ढूँढे नहीं पाओगी तुम बाज़ार में आशिक़
दौड़ेंगे fifty sixtyकी रफ़्तार से आशिक़
फिर नाम ले के प्यार का तुम गाया करोगी
सर फोड़ के दीवारों से ( चिल्लाया करोगी ) -३
ओ दिलबर जानिए ...
ओ बेवफ़ा तूने मुझे कहीं का न छोड़ा
तू ग़ुस्सा जो करती है करले प्यार भी थोड़ा
तेरे बिना जीना मेरा जीना है क्या जीना
तड़पूँगा मैं जब आएगा सावन का महीना
ये हुस्न भी क्या हुस्न है जो इश्क़ ना जाने
दिलदार को और यार को बिल्कुल ना पहचाने
मेरी वफ़ा एक दिन ऐसा रंग लाएगी
ये नाज़नीं ज़ालिम ( हसीना मान जाएगी ) -३
ओ दिलबर जानिए ...
ओ दिलबर सोणिए तेरे हैं हम तेरे
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