काशी देखी, मथुरा देखी, देखे तीरथ सारे
कहीं न मन का मीत मिला तो आया तेरे द्वारे
तेरे द्वार खड़ा एक जोगी - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...
(दुनिया से मुख मोड़ा तेरे लिये जग छोड़ा
छोड़ दिया घर-बार) - २
बन-बन छाना मैंने, तुझे देवी माना मैंने
सुन ले मेरी पुकार - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...
(करके जतन आया, मन में अगन लाया
अखियों में दर्शन-प्यास) - २
प्रीत की भीक्षा, प्रेम की दीक्षा
माँग रहा यह दास - २
न माँगे यह सोना चाँदी माँगे दर्शन देवी
तेरे द्वार ...
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