अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए
हाय रे सावन बीता जाए
नींद भी अंखियन द्वार न आए
तोसे मिलन की आस भी जाए
आई बहार खिले फुलवा
मोरे सपने कौन सजाए
आ ... अजहुं ...
चांद को बदरा गरवा लगाए
और भी मोरे मन ललचाए
यार हसीन गले लग जा
मोरी उम्र गुज़रती जाए
आ ... अजहुं ...
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