जैसे राधा ने माला जपी श्याम की - २
मैं ने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की हो पिया, तेरे ही नाम की
राधा ने ...
प्रीत क्या जुड़ी
प्रीत क्या जुड़ी, डोर क्या बँधी
बिना जतन बिना यतन हो गैइ मैं नयी
बिना मोल की मैं बिकी, बिना दाम की
राधा ने ...
क्या तरंग है
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अँग अँग रचा पी का रंग है
शर्म आई, कैसे कहूँ बात श्याम की
राधा ने ...
पा लिया तुझे, पा लिया
पा लिया तुझे, पाई हर खुशी
चाहूँ बार बार चढ़ूँ तेरी पालकी
सुबह शाम की ये प्यास बड़े काम की
राधा ने ...
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