दईया रे दईया जशोदा मईया इसको स.म्भाल
बड़ा नटखट है तेरो नन्दलाल
पनिया भरन को जाने ना दे
जाऊँ तो वापस आने ना दे
राह ना छोड़े मटकी फोड़े माखन ले निकाल
बड़ा नटखट है ...
जमुना पे ऐसी बंसी बजाई
तन में मन में आग लगाई
नींद चुराई राम दुहाई किया बुरा हाल
बड़ा नटखट है ...
प्रीत बिना कोई गीत ना जाने
प्रीत की लेकिन रीत ना जाने
बिरहा की मारी राधा बिचारी तड़पे कितने साल
बड़ा नटखट है ...
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