अजी रुठाकर अब कहा जाईयेगा
जहा जाईयेगा, हमे पईएगा
निगाहों से छुपाकर दिखाओ तो जाने
ख्यालों में भी तुम ना आओ तो जाने
अजी लाख परदों में छुप जाईयेगा
नजर आईयेगा, नजर आईयेगा
जो दिल में हैं होठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल
नजर की जुबान से समाज जाईयेगा
सामज़कर ज़रा गौर फरमाईयेगा
ये कैसा नशा है, ये कैसा असर है
ना काबू में दिल है, ना बस में नजर है
ज़रा होश आ ले, चले जाईयेगा
ठाहर जाईयेगा, ठाहर जाईयेगा
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