कल के सपने, आज भी आना
परीतं को भी, साथ में लाना
आज भी दिन है, मधुर सुहाना
बाज रही है, मन की बासुरीयाँ
नैनों के तट पेन, प्रेम के रथ पेन
लौट के अब तो, आ जा सावरीयाँ
मई भी सुनाऊ, दिल का तराना
जूमाते बादल गाते ज़राने
आज किसी को ढूंढ रहे है
मई तो ये जानू सारे नज़ारे
सजना तुम ही को ढूंढ रहे है
आज मुजे भी, दरस दिखाना
मेरी नगरीयाँ, आ मेरे रसिया
डगर डगर मई, आखियाँ बिछू
दिल में बिठा के, नैन मिला के
जनम जनम की प्यास बुजाऊ
तोहे सिखाऊ, परीत निभाना
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