Tuesday, November 24, 2009

ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका : फ़िल्म : आरजू

फूलों की रानी, बहारों की मलिका

तेरा मुस्कुराना, गजब हो गया

ना दिल होश में है, ना हम होश में है

नजर का मिलाना, गजब हो गया


तेरे होंठ क्या है, गुलाबी कँवल है

ये दो पत्तीयाँ, प्यार की एक गजल है

वो नाजुक लबों से, मोहब्बत की बातें

हम ही को सुनाना, गजब हो गया


कभी घूल के मिलना, कभी ख़ुद ज़िज़काना

कभी रास्तों पर बहकाना, मचलना

ये पलकों की चिलमन उठाकर गिराना

गिराकर उठाना, गजब हो गया


फिजाओं में ठंडक, घतापर जवानी

तेरे गेसूओं की बड़ी मेहरबानी

हर एक पेच में, सेकड़ों मयकदे है

तेरा लड़खादाना गजब हो गया



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