मुजे दर्द-ये-दिल का पता ना था
मुजे आप किसलिए मिल गए
मई अकेला यूं ही मजे में था
मुजे आप किसलिए मिल गए
यूं ही अपने अपने सफर में गम
कही दूर मई, कही दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा, जुदा
मुजे आप किसलिए मिल गए
मई गरीब हाथ बढ़ा तो दू
तुम्हे पा सकू के ना पा सकू
मेरी जान बहोत हैं ये फासला
मुजे आप किसलिए मिल गए
ना मैं चाँद हूँ, किसी शाम का
ना चिराग हूँ, किसी बाम का
मई तो रास्ते का हूँ एक दिया
मुजे आप किसलिए मिल गए
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