दूर रहकर ना करो बात करीब आ जाओ
याद रह जायेगी ये रात करीब आ जाओ
एक मुद्दत से तमन्ना थी, तुम्हे छूने की
आज बस में नहीं जजबात करीब आ जाओ
सर्द जोकों से भड़कते है, बदन में शोले
जान ले लेगी ये बरसात करीब आ जाओ
इस कदर हम से ज़िज़काने की जरुरत क्या है
जिंदगी भर का हैं अब साथ करीब आ जाओ
No comments:
Post a Comment