बुरा मान गए,
प्यार आंखों से जताया तो बुरा मान गए
अपने गजरे के हर एक फूल की तारीफ़ सुनी
हाल ऐ दिल हमने सुनाया तो बुरा मान गए
यूँ तो हर रोज़ सताते थे हमे शाम ओ सेहर
हमने एक रोज़ सताया तो बुरा मान गए
सिर्फ़ इतनी सी खता पर हमे दुश्मन जाना
सर न क़दमों में झुकाया तो बुरा मान गए
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