Sunday, November 22, 2009

आज पुरानी राहों से ;;फ़िल्म :आदमी

आज पुराणी राहों से, कोई मुजे आवाज ना दे


दर्द में डूबे गीत ना दे, गम का सिसकता साज ना दे




बीते दिनों की याद थी जिन में, मैं वो तराने भूल चुका


आज नयी मंजिल हैं मेरी, कल के ठिकाने भूल चुका


ना वो दिल ना सनम ना वो दिन धरम


अब दूर हूँ सारे गुनाहों से




टूट चुके सब प्यार के बंधन आज कोई जंजीर नही


शीशा-ये-दिल में अरमानों की, आज कोई तसवीर नही


अब शाद हूँ मई, आज़ाद हूँ मई


कुछ काम नहीं हैं आहों से




जीवन बदला, दुनिया बदली, मन को अनोखा ज्ञान मिला


आज मुजे अपने ही दिल में, एक नया इंसान मिला


पहुचा हूँ वहा, नहीं दूर जहा


भगवान भी मेरी निगाहों से




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