Thursday, May 22, 2008

एक तू ना मिला ...

एक तू ना मिला, सारी दुनिया मिले भी टू क्या हैं

मेरा दिल ना खिला, सारी बगियाँ खिले भी टू क्या हैं

धरती हूँ मैं और तू हैं गगन होगा कहा तेरा मेरा मिलन

लाख पहरे यहाँ, प्यार दिल में पले भी टू क्या हैं

तकदीर की मैं कोई भूल हूँ, डाली से बिछादा हुआ फूल हूँ

साथ तेरा नहीं, संग दुनिया चले भी टू क्या हैं

तुज से लिपटकर जो रो लेते हम आंसू नहीं थे ये मोटी से कम

तेरा दामन नहीं, ये आंसू ढले भी टू क्या हैं

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