Friday, May 30, 2008

गा मेरे मन गा गा मेरे मन गा

गा मेरे मन गा, गा मेरे मन गा

तू गा मेरे मन गा, गा मेरे मन गा

यूं ही बिठाये जा, दिन जिंदगी के


तेरी टूटी हुयी बीना,
कहे तुज को हैं जीना
जीवन को निभा
चाहे भर भर आए, चाहे दुःख बरसाये
तेरे नैनों की घटा
तू नैन मत छलका, गा मेरे मन गा
ये हैं दुनिया के मेले,
तुजे फिरना अकेले
सह सह के सितम

nअफारत का दीवाना,
नहीं समजा ज़माना
तेरा दुःख तेरा गम

kहां ठेंस और मुस्का, गा मेरे मन गा

हर सू हैं अँधेरा,

फ़िर कौन हैं तेरा

जो मैं कहू ज़रा सून

मेरी खो गयी पायल

मेरे गीत हैं घायल

मेरी जख्मी हैं धून

फ़िर भी तू जूमी जा, गा मेरे मन गा

2 comments:

डा. अमर कुमार said...

ग्रेट साँग, इट इज़ ! आई एग्री टू .
थैंक्स फ़ार रिमांडिंग द गूड ओल्ड डेज़ !

vinayakam said...

Thanks sir.., please Do visit again and again for such old songs