Saturday, November 1, 2008

रजनी गंधा फूल तुम्हारे ..फ़िल्म : रजनी गंधा

रजनीगंधा फूल तुम्हारे, महके यूं ही जीवन में
यूं ही महके परीत पीया की मेरे अनुरागी मन में

आधिकार ये जब से साजन का हर धड़कन पर माना मैंने
मई जब से उन के साथ बंधी, ये भेद तभी जाना मैंने
कितना सुख हैं बंधन में

हर पल मेरी इन आखों में बस रहते हैं सपने उन के
मन कहता हैं मैं रंगों की, एक प्यार भरी बदली बन के
बरसू उन के आँगन में

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