Saturday, November 8, 2008

रिम झिम के तराने लेके आई बरसात :: काला बाज़ार ..

गीता :: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
रफ़ी: याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात ) - २

(गीता: भीगे तन मन पड़े रस की फुहार
रफ़ी: प्यार का सन्देसा लायी बरखा बहार ) - २
गीता: मैं ना बोलूँ, मैं ना बोलूँ आँखें करें अँखियों से बात
रफ़ी: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात

(रफ़ी: सुनके मतवाले काले बादलों का शोर
गीता: रूम झूम घूम घूम नाचे मन का मोर ) - २
रफ़ी: सपनों का साथी चल रहा मेरे साथ
गीता: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
रफ़ी: याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
दोनो: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात

(गीता: जब मिलते हो तुम तो छूटें दिल के तार
रफ़ी: मिलने को तुम से मैं क्यों था बेक़रार ) - २
गीता: रह जाती है, रह जाती है क्यों होठों तक आके दिल की बात
रफ़ी: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
गीता: याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
दोनो: रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात!

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