Friday, November 14, 2008

शौक नजर की बिजिलियाँ ...फ़िल्म : वो कौन थी ?

शौख नजर की बिजलियाँ, दिल पे मेरे गिराए जा

मेरा ना कुछ ख़याल कर, तू यूं ही मुस्कुराए जा

जाग उठी हैं आरजू, जैसे चिराग जल पड़े

अब तो वफ़ा की राह में, हम तेरे साथ चले पड़े

चाहे हसाए जा हमे, चाहे हमे रुलाये जा

चैन कही किसी घडा, आइये ना तेरे बीन मुजे

काश मैं इस जहाँ से, छीन लू एक दिन तुजे

मई तेरे साथ साथ हूँ, चाहे नजर बचाए जा

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