Tuesday, November 4, 2008

रूप तेरा ऐसा दर्पण में ना समाये ;;फ़िल्म ;; एक बार मुस्कुरादों

हारेगा जब कोई बाजी, तभी तो होगी किसी का जीत
दोस्त यहीं दुनिया की रीत तुम्हें मुबारक मन का मीत

रूप तेरा एसा दर्पण में ना समाये
खुशबू तेरे तन की मधुबन में ना समाये
हो मुजे खुशी मिली इतनी, के मन में ना समाये
पलक बंद कर लू, कही छलक ही ना जाए
मुजे ना मिली जो वो खुशी तूने पायी
ए दोस्त मुबारक हो तुजे प्यार की शहनाई
दुआं मेरे दिल की दामन में ना समाये
तुजे प्यार मिले इतना जीवन में ना समाये
मीत मेरा छीन लिया, तूने छब दिखाके
सदा उसे रखना, पलकों पे तू बिठाके
इतना सुख देना, जीवन में ना समाये
यूं रस बरसाना, आँगन में ना समाये

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