Sunday, November 23, 2008

शीशे से पी या पैमाने से पी ..फ़िल्म : फूल और पत्थर

शीशे से पी, या पैमाने से पी
या मेरी आँखों के मैख़ाने से पी
पर पी दीवाने, ख़ुशी से जी दीवाने) -२
शीशे से पी, या पैमाने से पी

(हुस्न खड़ा है तेरी राहों में
डाल दे बाहें ज़रा बाहों में) -२
रात सुहानी है, बहकी जवानी
पी ले निगाहों ही निगाहों में

(जान ले आँखों के इशारों को
लूट ले दुनिया की बहारों को) -२
मैं हूँ सनम तेरी

तुझको क़सम मेरी
छेड़ ले तू भी दिल के तारों को

(देख ये घड़ी फिर ना आयेगी
ज़ुल्फ़ों की घटा फिर ना छायेगी
बात समझ मेरी
कल ये उमर तेरी
मौसम की तरह बीत जायेगी

No comments: