Friday, November 14, 2008

शर्म आती है मगर :: फ़िल्म :: पडोसन

शर्मा आती हैं मगर, आज ये कहना होगा

अब हमे आप के कदमो ही रहना होगा



आप से रूठ के हम जितना जिए खानक जिए

कई इल्जाम लिए, और कई इल्जान्म दिए

आज के बाद मगर, कुछ भी ना कहना होगा



देर के बाद ये समजे हैं मोहब्बत क्या है

अब हमे चाँद के जूमर की जरुरत क्या है

प्यार से बढ़ के भला और क्या गहना होगा



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