Tuesday, November 25, 2008

सुभान अल्लाह हाय हसीं चेहरा हाय ..फ़िल्म : काश्मीर की कलि

सुभान अल्लाह हाय हसीं चेहरा हाय
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से हर बला से

तुम्हें देखा हाय तो दिल बोला हाय
तुम्हें देखा तो दिल बोला तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे ...

करे पूजा ज़माना जिसकी वो तस्वीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
क़मर पतली हाय नज़र बिजली हाय ज़ुल्फ़ें हैं या घटाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे ...

न जाने किसकी क़िस्मत में है मुखड़ा चाँद सा ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
इजाज़त हो तो फिर हम भी मुक़द्दर आज़माएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे ...

बड़ी हसरत से तुमको देखता है ये ज़माना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
कोई दिल हो कोई महफ़िल जहाँ भी आप जाएँ

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