Wednesday, November 26, 2008

सुन मेरे बन्धुरे ,सुन मेरे मितवा ..फ़िल्म > सुजाता

सुन मेरे बंधू रे, सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे

होता तू पीपल, मैं होती अमर लता तेरी
तेरे गले माला बन के, पड़ी मुसकाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे ...
दीया कहे तू सागर, मैं होती तेरी नदिया
लहर बहर कर तू अपने, पीया चमन जाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे ...

2 comments:

Anil Kumar said...

विडियो यहां देखें!

vinayakam said...

Thanks for the link sir