Saturday, February 2, 2008

बीती न बिताई रैना ...

बीती ना बिताई रैना,
बिरहा की जाई रैना
भीगी हुयी आखियों ने
लाख बजाई रैना

बीती हुयी बतियाँ कोइ दोहराए
भूले हुए नामों से कोइ टू बुलाए
चाँद की बिंदी वाली, बिन्दीवाली रतिया
जागी हुयी आखियों में रात ना आयी रैना

युग आते है, और युग जाये
छोटी छोटी यादों के पल नहीं जाये
जूठ से काली लागे, लागे काली रतिया
रुठी हुयी आखियों ने, लाख मनायी

A good song in parichay1972

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