Monday, May 5, 2008

दिल क्या करे जब किसीसे ....

दिल क्या करे जब किसी से, किसी को प्यार हो जाए

जाने कहा कब किसी को, किसी से प्यार हो जाए

ऊँची ऊँची दीवारों सी, इस दुनिया की रस्म

ना कुछ तेरे बस में ज्यूली, ना कुछ मेरे बस मी



जैसे परबत पे, घटा जूकती हैं

जैसे सागर से, लहर उठती हैं

एसे किसी चहरे पे, निगाह रुकती हैं

रोक नहीं सकती नजरों को दुनिया भर की रस्में



आ मैं तेरी याद में, सब को भूला दू

दुनिया को तेरी तसवीर बना दू

मेरा बस चले टू दिल चीर के दिखा दू

दौड़ रहा हैं साथ लहू के, प्यार तेरा नस नस में

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