Saturday, May 17, 2008

तेरे घर के सामने ....

एक घर बनाऊंगा, तेरे घर के सामने
दुनिया बसाऊंगा, तेरे घर के सामने

घर का बनाना, कोई आसान काम नहीं
दुनिया बसाना, कोई आसान काम नहीं
दिल में वाफायें हो टू, तूफा किनारा हैं
बिजली हमारे लिए, प्यार का इशारा हैं
तन मन लूतऊंगा, तेरे घर के सामने


कहते हैं प्यार जिसे, दायरा हैं आग का
या फ़िर नशा हैं कोई, जीवन के राग का
दिल में जो प्यार हो टू, आग भी फूल हैं
सच्ची लगन जो हो टू, परबत भी धूल हैं
तारे सजाऊंगा, तेरे घर के सामने

काटों भरे हैं लेकिन चाहत के रास्ते
तुम क्या करोगे देखे, उलफत के वास्ते
उलफत में ताज छूटे, ये भी तुम्हे याद होगा
उलफत में ताज बने, ये भी तुम्हे याद होगा
मई भी कुछ बनाऊंगा, तेरे घर के सामने

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